राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे. (फाइल फोटो)
जयपुर:
राजस्थान में विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Polls 2018) को लेकर दोनों प्रमुख पार्टियों (बीजेपी, कांग्रेस) पार्टियों ने कमर कस ली है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. उधर, बीजेपी ने अपना चुनावी घोषणापत्र ( BJP Rajasthan Manifesto) भी जारी कर दिया है. घोषणापत्र के अनुसार अगर बीजेपी राजस्थान में फिर सत्ता में आई तो अनैतिक/ बुरे व गलत कार्यों के लिए 'गोरखधंधा' शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाएगी. इतना ही नहीं इस शब्द के इस्तेमाल को दंडनीय अपराध भी बनाया जाएगा. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में मंगलवार को यह घोषणा की.
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इसमें पार्टी की भावी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है, 'अनैतिक बुरे कार्यों, गलत कार्यों हेतु 'गोरखधंधा' शब्द को प्रतिबंधिध कर दंडित किए जाने का कानून बनाया जाएगा.' घोषणापत्र केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और प्रकाश जावड़ेकर तथा राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जारी किया. घोषणापत्र समिति के सदस्य ओंकार सिंह लखावत ने इसके पीछे का औचित्य समझाते हुए कहा, 'गुरु गोरखनाथ एक संत थे और इस शब्द का इस्तेमाल उनके अनुयायियों की भावनाओं को आहत करता है. इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.'
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बता दें कि राज्य में नाथ संप्रदाय अच्छी खासी संख्या में है और उसके अनेक मठ, आसन राज्य में हैं. इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि वह अगले पांच साल में नाथ समाज के मठों/ आसनों का पुनरोद्धार/जीर्णोद्धार करेगी. गुरु गोरखनाथ के पुराने योग व तंत्र के अधिष्ठाता के साहित्यिक ग्रथों के लिए लाईब्रेरी स्थापित की जाएगी.
VIDEO: राजस्थान में राजपूत वोटों पर नजर, कांग्रेस और बीजेपी ने लगाया जोर
इसी तरह गुरु गोरखनाथ के बारे में एक पाठ राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल की किताबों में शामिल होगा और राज्य में गुरु गोरखनाथ का राष्ट्रीय स्मारक बनाने की बात भी इसमें की गई है. गोरखनाथ एक हिंदू योगी और संत थे, जिन्होंने देश में नाथ हिंदू मठ की स्थापना की थी.
(इनपुट: भाषा)
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इसमें पार्टी की भावी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है, 'अनैतिक बुरे कार्यों, गलत कार्यों हेतु 'गोरखधंधा' शब्द को प्रतिबंधिध कर दंडित किए जाने का कानून बनाया जाएगा.' घोषणापत्र केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और प्रकाश जावड़ेकर तथा राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जारी किया. घोषणापत्र समिति के सदस्य ओंकार सिंह लखावत ने इसके पीछे का औचित्य समझाते हुए कहा, 'गुरु गोरखनाथ एक संत थे और इस शब्द का इस्तेमाल उनके अनुयायियों की भावनाओं को आहत करता है. इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.'
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बता दें कि राज्य में नाथ संप्रदाय अच्छी खासी संख्या में है और उसके अनेक मठ, आसन राज्य में हैं. इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि वह अगले पांच साल में नाथ समाज के मठों/ आसनों का पुनरोद्धार/जीर्णोद्धार करेगी. गुरु गोरखनाथ के पुराने योग व तंत्र के अधिष्ठाता के साहित्यिक ग्रथों के लिए लाईब्रेरी स्थापित की जाएगी.
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इसी तरह गुरु गोरखनाथ के बारे में एक पाठ राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल की किताबों में शामिल होगा और राज्य में गुरु गोरखनाथ का राष्ट्रीय स्मारक बनाने की बात भी इसमें की गई है. गोरखनाथ एक हिंदू योगी और संत थे, जिन्होंने देश में नाथ हिंदू मठ की स्थापना की थी.
(इनपुट: भाषा)
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