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इसके अलावा राम मंदिर के मुद्दे पर भी अपनी बात कही. उन्होंने कहा, "अध्यादेश का विकल्प हमेशा रहा है, लेकिन फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है, और सुप्रीम कोर्ट ने अगली बेंच के लिए 4 जनवरी की तारीख दी है... हमें उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट फास्ट-ट्रैक तरीके से इस पर कार्यवाही करेगी, और जल्द ही निपटारा कर देगी... अगर ऐसा नहीं होता है, तो अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे..."
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राम माधव ने कहा है, "गठबंधन की राजनीति सभी को साथ लेकर चलने और समझौते करने पर आधारित होती है, और BJP उसके लिए तैयार है... यह सच है कि कुशवाहा जैसे कुछ छोटे दलों ने हमारा साथ छोड़ देने का फैसला किया है, लेकिन हम कुछ नए सहयोगियों को साथ लाने की दिशा में काम कर रहे हैं, विशेष रूप से दक्षिणी तथा पूर्वी भारत में..."
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वहीं, ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव का कहना है, "लैंगिक समानता तथा न्याय का मुद्दा उठाने के लिए यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का ऐतिहासिक फैसला है... मुस्लिमों सहित नागरिक समाज के बड़े हिस्से ने इसका स्वागत किया है, यह मुस्लिम महिलाओं के लिए वरदान है... मामला संसद के समक्ष है, मुझे पूरा भरोसा है कि अर्थपूर्ण बहस होगी..."
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राम माधव ने कहा , "यदि राहुल गांधी हालिया जीतों की वजह से प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी हो सकते होते, तो महागठबंधन की ज़रूरत ही नहीं होती... आज भी कोई नेता, (DMK प्रमुख) स्टालिन को छोड़कर, महागठबंधन के नेता के नाम की पुष्टि करने के लिए तैयार नहीं है... प्रधानमंत्री पद की दौड़ में छह लोग मौजूद हैं..."
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