BJP का पूरा ध्यान चुनाव जीतने पर है, इसलिए अनुशासनहीनता को पार्टी बर्दाश्त नहीं कर रही है
नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी का इस समय पूरा ध्यान उत्तर प्रदेश के चुनावों पर है. पार्टी किसी भी सूरत में इन चुनावों में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती. चाहे इसके लिए उसे सख्त रवैया क्यों ना अपनाना पड़े. इस बात का उदाहरण यूपी में बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने बाग़ियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाते हुए दिया है. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने काशी क्षेत्र में पार्टी से बाग़ी होकर चुनाव मैदान में उतरे 18 नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक जिन लोगों पर पार्टी ने अनुशानात्मक कार्रवाही की है उनमें कौशांबी के चायल से सुभाष केशरवानी, नरेंद्र मौर्य, सिराथू से आशीष मौर्य, हंडिया के अवधेश तिवारी, फूलपुर के अशोक दुबे और बारा से फूलचंद्र पासी शामिल भी हैं. इसके अलावा इलाहाबाद, आज़मगढ़, कुशीनगर, महाराजगंज, संतकबीर नगर तथा मऊ के नेता भी शामिल हैं.
दरअसल, पार्टी ने यही रवैया उत्तराखंड में भी अपनाया था. वहां भी पार्टी के विरोध में काम करने वालों को बड़ी तादाद में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था.
प्रेदश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या का इस पर कहना है कि पार्टी जनहित में काम करती है और कुछ नेता केवल अपने हित के बारे में सोचते हैं. ऐसे नेताओं को पार्टी में कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसे में जब पूरे प्रदेश में जनता से पार्टी को अपार समर्थन मिल रहा है, उस समय पार्टी की अंदरुनी कलह एक गलत संदेश देती है. इसलिए उन्होंने यह कार्रवाही की है.
पूर्वांचल में डेरा
दरअसल, पार्टी ने अपनी पूरी ताकत पूर्वी उत्तर प्रदेश में झोंक दी है. कहीं कोई चूक न हो, इसलिए पार्टी ने यह सख्त छवि बनाई है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद इलाहाबाद में डेरा डाले हुए थे. अब वे अपने स्टार प्रचारकों तथा टीम के साथ पूर्वांचल की तरफ बढ़ रहे हैं. बड़ी तादाद में पार्टी कार्यकर्ता और संघ के स्वयं सेवक बनारस आदि शहरों में जम गए हैं. पार्टी के स्टार प्रचारकों को लगातार लोगों से संपर्क करते रहने और चुनावी सभाएं करते रहने के निर्देश दिए गए हैं.
निकाय चुनावों में जीत का जश्न
उधर, महाराष्ट्र और ओडिशा में निकाय चुनावों मिले पार्टी के अच्छे जन समर्थन की खुशी यहां उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिल रही है. पार्टी ने हर मुख्यालय पर 25 फरवरी को विजयी दिवस मनाने का फैसला किया है. पार्टी का कहना है कि नोटबंदी और जनहित में किए जा रहे कामों की वजह से पार्टी को जनता का अपार समर्थन मिल रहा है.
जानकार बताते हैं कि यूपी में शेष रहे चुनाव के तीन चरणों से पहले जश्न मनाकर प्रेदश की जनता को यह संदेश देना चाहती है कि जब महाराष्ट्र और ओडिशा की जनता ने बीजेपी को समर्थन दिया है तो यूपी इसमें क्यों पीछे रहे. 25 फरवरी को मनाए जाने वाले विजय दिवस में मिठाइयां बांटी जाएंगी और आतिशबाजी जल कर यह संदेश दिया जाएगा कि प्रदेश में बीजेपी का विजयी रथ लगातार आगे बढ़ रहा है.
जानकारी के मुताबिक जिन लोगों पर पार्टी ने अनुशानात्मक कार्रवाही की है उनमें कौशांबी के चायल से सुभाष केशरवानी, नरेंद्र मौर्य, सिराथू से आशीष मौर्य, हंडिया के अवधेश तिवारी, फूलपुर के अशोक दुबे और बारा से फूलचंद्र पासी शामिल भी हैं. इसके अलावा इलाहाबाद, आज़मगढ़, कुशीनगर, महाराजगंज, संतकबीर नगर तथा मऊ के नेता भी शामिल हैं.
दरअसल, पार्टी ने यही रवैया उत्तराखंड में भी अपनाया था. वहां भी पार्टी के विरोध में काम करने वालों को बड़ी तादाद में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था.
प्रेदश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या का इस पर कहना है कि पार्टी जनहित में काम करती है और कुछ नेता केवल अपने हित के बारे में सोचते हैं. ऐसे नेताओं को पार्टी में कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसे में जब पूरे प्रदेश में जनता से पार्टी को अपार समर्थन मिल रहा है, उस समय पार्टी की अंदरुनी कलह एक गलत संदेश देती है. इसलिए उन्होंने यह कार्रवाही की है.
पूर्वांचल में डेरा
दरअसल, पार्टी ने अपनी पूरी ताकत पूर्वी उत्तर प्रदेश में झोंक दी है. कहीं कोई चूक न हो, इसलिए पार्टी ने यह सख्त छवि बनाई है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद इलाहाबाद में डेरा डाले हुए थे. अब वे अपने स्टार प्रचारकों तथा टीम के साथ पूर्वांचल की तरफ बढ़ रहे हैं. बड़ी तादाद में पार्टी कार्यकर्ता और संघ के स्वयं सेवक बनारस आदि शहरों में जम गए हैं. पार्टी के स्टार प्रचारकों को लगातार लोगों से संपर्क करते रहने और चुनावी सभाएं करते रहने के निर्देश दिए गए हैं.
निकाय चुनावों में जीत का जश्न
उधर, महाराष्ट्र और ओडिशा में निकाय चुनावों मिले पार्टी के अच्छे जन समर्थन की खुशी यहां उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिल रही है. पार्टी ने हर मुख्यालय पर 25 फरवरी को विजयी दिवस मनाने का फैसला किया है. पार्टी का कहना है कि नोटबंदी और जनहित में किए जा रहे कामों की वजह से पार्टी को जनता का अपार समर्थन मिल रहा है.
जानकार बताते हैं कि यूपी में शेष रहे चुनाव के तीन चरणों से पहले जश्न मनाकर प्रेदश की जनता को यह संदेश देना चाहती है कि जब महाराष्ट्र और ओडिशा की जनता ने बीजेपी को समर्थन दिया है तो यूपी इसमें क्यों पीछे रहे. 25 फरवरी को मनाए जाने वाले विजय दिवस में मिठाइयां बांटी जाएंगी और आतिशबाजी जल कर यह संदेश दिया जाएगा कि प्रदेश में बीजेपी का विजयी रथ लगातार आगे बढ़ रहा है.
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