वाराणसी:
रोड शो के बाद काशी विद्यापीठ पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि रोड शो में बनारस के लोगों ने कल के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि बनारस की जनता से मिल रहा प्यार और आशीर्वाद ही उन्हें दिल्ली में काम करने की ताकत देता है.
उन्होंने विरोधी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस ने राजनीति के कल्चर को बदला है. उनके मुताबिक 'कुछ का साथ, कुछ का विकास' ही एकमात्र मकसद होता है.जबकि लोकतंत्र में 'सबका विकास और सबका साथ' दोनों ही जरुरी हैं और बीजेपी इसी मूलमंत्र को लेकर चल रही है.
उन्होंने कहा कि उनका सपना समूचे उत्तर प्रदेश, फिर चाहे वह पूर्वांचल ही क्यों न हो, का विकास है. विकास के लिए देश के सभी भागों को साथ लेकर चलना होगा. जापानी बुखार का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर यहां कि सरकार सही होती तो पूर्वांचल में जापानी बुखार का कहर इतना नहीं होता. हर साल यहां बड़ी संख्या में लोग इस बुखार के शिकार होते हैं, लेकिन राज्य सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है.
नोटबंदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद कुछ लोगों ने यह भ्रम फैलाया कि अब व्यापारियों की खैर नहीं, आयकर विभाग वाले उन्हें परेशान करेंगे. उन्होंने कहा, 'ईमानदार को परेशान करने की कोई हिम्मत नहीं करेगा, देश में ईमानदारों का सम्मान होगा, उनकी जय-जयकार होगी.' उन्होंने कहा कि लूटेरों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'लोकसभा चुनावों से पहले की अखबारों की सुर्खियां याद करो,,आज कॉमनवेल्थ घोटाला, इतने रुपये गए, आज पनडुब्बी घोटाला तो आज हेलीकॉप्टर घोटाला और इतने रुपये गए. रोजाना घोटालों की ख़बरों से अखबार भरे रहते थे, लेकिन अब गया वो जमाना जब जाता ही जाता था, अब देश में ऐसी सरकार आई है, जहां सिर्फ आ रहा है. वर्तमान सरकार के दामन पर घोटालों के धब्बे नहीं लगे हैं.'
नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर देश को आगे बढ़ाना है तो सरकार निर्णायक होनी चाहिए, फैसले लेने वाली होनी चाहिए और देशहित में फैसले कठोर के कठोर भी करने पड़ते हैं, लेकिन जो मिट्टी से निकले लोग होते हैं, मेहनतकश लोग होते हैं,वे ही फैसले लेने की हिम्मत रखते हैं.
सपा-कांग्रेस पर शब्दों का वार करते हुए उन्होंने कहा,' जिन लोगों को सत्ता विरासत में मिलती है, वे नाजुक लोग होते हैं, उन्हें सत्ता जाने का डर होता है, इसलिए वे कठोर फैसले नहीं ले पाते. मुख्यमंत्री को उनके पिता से सत्ता मिली है, उनके नए मित्र को नाना-दादी और पिता से सत्ता मिली है. लेकिन हमें सत्ता विरासत में नहीं मिली है. हमें देश को आगे बढ़ाना है. इसलिए केंद्र सरकार को कई कठोर फैसले लेने पड़े.'
जनसभा से पहले रोड शो में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री शाम चार बजे सेना के हेलीकॉप्टर से वाराणसी पुलिस लाइन में उतरे. यहां से वे कड़ी सुरक्षा के बीच पांडेयपुर चौराहे पहुंचे और फिर खुली छत वाली गाड़ी में सवार होकर रोड शो में शामिल हुए. रोड शो पांडेयपुर चौराहे से लेकर काशी विद्यापीठ जाकर समाप्त हुआ.
हालांकि रोड शो अपने तय समय से करीब डेढ़ घंटा देरी से शुरू हुआ. रोड शो पांडेयपुर चौराहा, हुकुलगंज, चौकाघाट, तेलीयाबाग, पटेल धर्मशाला और सिंह मेडिकल चौराहा होते हुए काशी विद्यापीठ पहुंचा. रोड शो में प्रधानमंत्री की झलक पाने के लिए सड़कों के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग जुटे. पूरा शहर केसरिया रंग में रगा हुआ था. घरों की छतों पर भी लोगों की भीड़ देखी गई.
रोड शो की वजह से पूरे शहर में यातायात व्यवस्था चौपट हो गई. सभी जगह सड़कों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी गईं.
प्रधानमंत्री का काफिला जैसे-जैसे आगे बढ़ता रहा, लोगों में उतना ही ज्यादा उत्साह देखने को मिला. शाम साढ़े छह बजे दिन ढलाने के साथ सड़के के दोनों ओर जमा भीड़ के मोबाइल कैमरों की लाइट जगमाग उठी. प्रधानमंत्री के सुरक्षा गार्ड भी टार्च की रोशनी कभी प्रधानमंत्री पर तो कभी भीड़ पर डाल रहे थे.
प्रशासन ने रोड शो के लिए पांच घंटे की ही अनुमति दी थी. बनारस की गलियां जो कि चहल-पहल और अड्डेबाजी की लिए मशहूर हैं, आज मानों थम सी गई थीं, जो वाहन जहां खड़े थे, वहीं खड़े रह गए.
रोड शो के बाद प्रधानमंत्री काशी विद्यापीठ में एक जनसभा को भी संबोधित करने पहुंचे और रविवार की रात वे वाराणसी में ही बिताएंगे और यहां की चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे.
लगातार दूसरे दिन रोड शो के सवाल पर पार्टी नेता बताते हैं कि कल यानी शनिवार को प्रधानमंत्री का रोड शो नहीं था. प्रधानमंत्री कल बाबा विश्वनाथ के मंदिर में दर्शन के लिए गए थे. मंदिर जाते समय प्रधानमंत्री के दर्शन के लिए जन सैलाव उमड़ पड़ा. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि रविवार को रोड शो के लिए प्रशासन से अनुमति ली गई है.
बता दें कि बीजेपी की यह सफाई उस विवाद के बाद आई है जिसमें विरोधी दलों ने आरोप लगाया था कि शनिवार को रोड शो के लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी. बीजेपी से इस पर सफाई दी कि शनिवार को प्रधानमंत्री को रोड शो नहीं था, बल्कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन का कार्यक्रम था.
कल के रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री ने मुस्लिमों को भी खुश करने की कोशिश की. प्रधानमंत्री ने एसपीजी से कहकर बावनी के सरदार हाजी मुख्तार अहमद महतो की ओर से दिए गुलदस्ते और शॉल को स्वीकार किया और इस भेंट को सिर से लगाया. इस तरह उन्होंने विरोधियों को यह संदेश देने की कोशिश की कि बीजेपी में मुस्लिमों का पूरा सम्मान है.
मायावती ने बताया आचार संहिता का उल्लंघन
उधर, प्रधानमंत्री के रोड शो पर विरोधी दलों ने कटाक्ष करने शुरू कर दिए हैं. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री के रोड शो को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया. उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन प्रदेश में साफ-सुथरे मतदान को प्रभावित करेगा. उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि आयोग इस संदर्भ में कार्रवाई करे.
उन्होंने विरोधी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस ने राजनीति के कल्चर को बदला है. उनके मुताबिक 'कुछ का साथ, कुछ का विकास' ही एकमात्र मकसद होता है.जबकि लोकतंत्र में 'सबका विकास और सबका साथ' दोनों ही जरुरी हैं और बीजेपी इसी मूलमंत्र को लेकर चल रही है.
उन्होंने कहा कि उनका सपना समूचे उत्तर प्रदेश, फिर चाहे वह पूर्वांचल ही क्यों न हो, का विकास है. विकास के लिए देश के सभी भागों को साथ लेकर चलना होगा. जापानी बुखार का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर यहां कि सरकार सही होती तो पूर्वांचल में जापानी बुखार का कहर इतना नहीं होता. हर साल यहां बड़ी संख्या में लोग इस बुखार के शिकार होते हैं, लेकिन राज्य सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है.
नोटबंदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद कुछ लोगों ने यह भ्रम फैलाया कि अब व्यापारियों की खैर नहीं, आयकर विभाग वाले उन्हें परेशान करेंगे. उन्होंने कहा, 'ईमानदार को परेशान करने की कोई हिम्मत नहीं करेगा, देश में ईमानदारों का सम्मान होगा, उनकी जय-जयकार होगी.' उन्होंने कहा कि लूटेरों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'लोकसभा चुनावों से पहले की अखबारों की सुर्खियां याद करो,,आज कॉमनवेल्थ घोटाला, इतने रुपये गए, आज पनडुब्बी घोटाला तो आज हेलीकॉप्टर घोटाला और इतने रुपये गए. रोजाना घोटालों की ख़बरों से अखबार भरे रहते थे, लेकिन अब गया वो जमाना जब जाता ही जाता था, अब देश में ऐसी सरकार आई है, जहां सिर्फ आ रहा है. वर्तमान सरकार के दामन पर घोटालों के धब्बे नहीं लगे हैं.'
नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर देश को आगे बढ़ाना है तो सरकार निर्णायक होनी चाहिए, फैसले लेने वाली होनी चाहिए और देशहित में फैसले कठोर के कठोर भी करने पड़ते हैं, लेकिन जो मिट्टी से निकले लोग होते हैं, मेहनतकश लोग होते हैं,वे ही फैसले लेने की हिम्मत रखते हैं.
सपा-कांग्रेस पर शब्दों का वार करते हुए उन्होंने कहा,' जिन लोगों को सत्ता विरासत में मिलती है, वे नाजुक लोग होते हैं, उन्हें सत्ता जाने का डर होता है, इसलिए वे कठोर फैसले नहीं ले पाते. मुख्यमंत्री को उनके पिता से सत्ता मिली है, उनके नए मित्र को नाना-दादी और पिता से सत्ता मिली है. लेकिन हमें सत्ता विरासत में नहीं मिली है. हमें देश को आगे बढ़ाना है. इसलिए केंद्र सरकार को कई कठोर फैसले लेने पड़े.'
जनसभा से पहले रोड शो में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री शाम चार बजे सेना के हेलीकॉप्टर से वाराणसी पुलिस लाइन में उतरे. यहां से वे कड़ी सुरक्षा के बीच पांडेयपुर चौराहे पहुंचे और फिर खुली छत वाली गाड़ी में सवार होकर रोड शो में शामिल हुए. रोड शो पांडेयपुर चौराहे से लेकर काशी विद्यापीठ जाकर समाप्त हुआ.
हालांकि रोड शो अपने तय समय से करीब डेढ़ घंटा देरी से शुरू हुआ. रोड शो पांडेयपुर चौराहा, हुकुलगंज, चौकाघाट, तेलीयाबाग, पटेल धर्मशाला और सिंह मेडिकल चौराहा होते हुए काशी विद्यापीठ पहुंचा. रोड शो में प्रधानमंत्री की झलक पाने के लिए सड़कों के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग जुटे. पूरा शहर केसरिया रंग में रगा हुआ था. घरों की छतों पर भी लोगों की भीड़ देखी गई.
रोड शो की वजह से पूरे शहर में यातायात व्यवस्था चौपट हो गई. सभी जगह सड़कों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी गईं.
प्रधानमंत्री का काफिला जैसे-जैसे आगे बढ़ता रहा, लोगों में उतना ही ज्यादा उत्साह देखने को मिला. शाम साढ़े छह बजे दिन ढलाने के साथ सड़के के दोनों ओर जमा भीड़ के मोबाइल कैमरों की लाइट जगमाग उठी. प्रधानमंत्री के सुरक्षा गार्ड भी टार्च की रोशनी कभी प्रधानमंत्री पर तो कभी भीड़ पर डाल रहे थे.
प्रशासन ने रोड शो के लिए पांच घंटे की ही अनुमति दी थी. बनारस की गलियां जो कि चहल-पहल और अड्डेबाजी की लिए मशहूर हैं, आज मानों थम सी गई थीं, जो वाहन जहां खड़े थे, वहीं खड़े रह गए.
रोड शो के बाद प्रधानमंत्री काशी विद्यापीठ में एक जनसभा को भी संबोधित करने पहुंचे और रविवार की रात वे वाराणसी में ही बिताएंगे और यहां की चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे.
लगातार दूसरे दिन रोड शो के सवाल पर पार्टी नेता बताते हैं कि कल यानी शनिवार को प्रधानमंत्री का रोड शो नहीं था. प्रधानमंत्री कल बाबा विश्वनाथ के मंदिर में दर्शन के लिए गए थे. मंदिर जाते समय प्रधानमंत्री के दर्शन के लिए जन सैलाव उमड़ पड़ा. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि रविवार को रोड शो के लिए प्रशासन से अनुमति ली गई है.
बता दें कि बीजेपी की यह सफाई उस विवाद के बाद आई है जिसमें विरोधी दलों ने आरोप लगाया था कि शनिवार को रोड शो के लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी. बीजेपी से इस पर सफाई दी कि शनिवार को प्रधानमंत्री को रोड शो नहीं था, बल्कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन का कार्यक्रम था.
कल के रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री ने मुस्लिमों को भी खुश करने की कोशिश की. प्रधानमंत्री ने एसपीजी से कहकर बावनी के सरदार हाजी मुख्तार अहमद महतो की ओर से दिए गुलदस्ते और शॉल को स्वीकार किया और इस भेंट को सिर से लगाया. इस तरह उन्होंने विरोधियों को यह संदेश देने की कोशिश की कि बीजेपी में मुस्लिमों का पूरा सम्मान है.
मायावती ने बताया आचार संहिता का उल्लंघन
उधर, प्रधानमंत्री के रोड शो पर विरोधी दलों ने कटाक्ष करने शुरू कर दिए हैं. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री के रोड शो को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया. उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन प्रदेश में साफ-सुथरे मतदान को प्रभावित करेगा. उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि आयोग इस संदर्भ में कार्रवाई करे.
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