प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
हाल के दो विधानसभा चुनावों में हिमाचल प्रदेश की तुलना में गुजरात में करीब दोगुने मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में ऐसे मतदाताओं की संख्या 5.5 लाख है. प्रतिशत के हिसाब से गुजरात में करीब 1.8 फीसदी मतदाताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में नोटा का बटन दबाया जबकि हिमाचल में ऐसे मतदाता 0.9 फीसदी हैं. गुजरात में नोटा मत प्रतिशत भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर किसी भी अन्य दल के मत प्रतिशत से अधिक था. भाजपा ने 49 फीसदी से अधिक वोट हासिल किया जबकि कांग्रेस करीब 41.4 फीसदी वोट हासिल करने में सफल रही.
निर्दलीयों को 4.3 फीसदी वोट मिले. हिमाचल प्रदेश में भाजपा 48.7 फीसदी वोट पाने में कामयाब रही जबकि कांग्रेस के खाते में 41.8 फीसदी वोट गये. निर्दलीयों ने 6.3 फीसदी वोट हासिल किये. माकपा ने 1.5 प्रतिशत वोट पाया जो नोटा से अधिक है.
गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की राजकोट पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में नोटा वोट 3300 से अधिक रहा. वडगाम में ऐसे वोट 4200 से अधिक रहे. नोटा विकल्प मतदाता को आधिकारिक रूप से इस बात का अधिकार देता है कि वह चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवारों को खारिज कर दे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
निर्दलीयों को 4.3 फीसदी वोट मिले. हिमाचल प्रदेश में भाजपा 48.7 फीसदी वोट पाने में कामयाब रही जबकि कांग्रेस के खाते में 41.8 फीसदी वोट गये. निर्दलीयों ने 6.3 फीसदी वोट हासिल किये. माकपा ने 1.5 प्रतिशत वोट पाया जो नोटा से अधिक है.
गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की राजकोट पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में नोटा वोट 3300 से अधिक रहा. वडगाम में ऐसे वोट 4200 से अधिक रहे. नोटा विकल्प मतदाता को आधिकारिक रूप से इस बात का अधिकार देता है कि वह चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवारों को खारिज कर दे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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