प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
अहमदाबाद:
गुजरात में चुनाव हैं. तारीखों का ऐलान हो चुका है. तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक दलों में जोड़तोड़ से लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी एक बार फिर सत्ता में वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है वहीं, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को लग रहा है कि इस बार वे सत्ता में वापसी कर सकते हैं. पिछले कुछ सालों में राज्य में राजनीतिक समीकरण बदले हैं और चुनाव को लेकर ये मुद्दे परिणामों को बदलने की ताकत भी रखते हैं. पटेल समाज का आरक्षण का मुद्दा हो या फिर शराबबंदी का मुद्दा. राज्य में विकास का मुद्दा हो या फिर कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा.
यह भी पढ़ें : 8 नवंबर का दिन कहीं फिर से कांग्रेस को न पड़ जाए भारी, गुजरात-हिमाचल प्रदेश में हो सकता है नुकसान
ऐसे माहौल में खुद पीएम नरेंद्र मोदी राज्य में एक परिचित से दिवाली के मौके पर की गई बातचीत के ऑडियो पर बनी एक स्टोरी को अपने ट्विटर हैंडल से शेयर की है. इस बातचीत में जहां दिवाली की बधाई दी जा रही है वहीं राज्य के राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई है.
इस बातचीत में गुजरात का कारोबारी जहां पीएम नरेंद्र मोदी को राजनीतिक हालात बता रहे हैं वहीं पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें अपना पक्ष समझा रहे हैं. गोपाल भाई नाम के पीएम नरेंद्र मोदी के परिचित ने कांग्रेस के कुप्रचार की बात की है और बताया है कि किस प्रकार पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल कम हो रहा है. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी बता रहे हैं कि कैसे उन्हें बचपन से ही गाली मिली है. फिर भी वह ईमानदारी से अपना काम करते आ रहे हैं. पीएम उनसे आग्रह कर रहे हैं कि सच पर चलना है, झूठ पर नहीं.
नीचे दोनों में हुई बातचीत का पूरा ट्रांस्क्रिप्ट है
गोपाल भाई: हैलो
नमो: हैलो
गोपाल भाई: साहेब नमस्कार
नमो: गोपाल भाई केम छो
गोपाल : बस साहेब मजा में छो.
हैप्पी दिवाली साहेब...
नमो: बढ़ा ने मारी दिवाली ने मुबारका
गोपाल : संस्कारी नगरी वडोदरा की तरफ से आपको हम सबकी ओर से दिवाली की शुभकामनाएं
नमो: अरे भाई वडोदरा का तो मैं ऋणी हूं. वडोदरा ने मुझे उतना मान सम्मान दिया है पूछो मत. वडोदरा का मैं आभारी हूं.
अभी भी स्टेशनरी की दूकान है कि कुछ और कर रहे हो.
गोपाल : साहेब मैं और मेरी पत्नी अभी भी स्टेशनरी की दुकान चला रहे हैं. आप खांदराल मार्केट रोड शो पर आए थे.
नमो: हां मुझे पता है.
गोपाल : मेरा सवाल है कि हाल में जो गुजरात में बदलाव आए हैं कांग्रेस के अप्रचार की वजह से नकारात्मक मानसिकता फैल रही है. इसमें से कार्यकर्ता को बाहर कैसे निकाला जाए.
नमो: देखो अपने नसीब में जब से जन्म हुआ है तब से गाली लिखी है. हाहा हाहा...
अपने नसीब में झूठ ही लिखा है. और हम ये गालियों और झूठ सुन सुन के याहं तक पहुंचे हैं. इसलिए इसकी चिंता नहीं करें.
क्या एक भी चुनाव देखा है आपने जिसमें झूठ ना फैलाया हो. मौत का सौदागर कहा गया मुझे. हत्यारा लुटेरा, खून में लथपथ हाथ. पर जनता सत्य को जानती है. पहले अफवाह कानोंकान फैलती थी अब वॉट्सऐप फैलाने में मदद करता है. ये अप्रचार को सीरियसली मत लो. लोड मत लो. हम सत्य के रास्ते पर हैं, अपने को चिंता नहीं करनी है.
अपने लोगों के लिए काम करें. वॉट्सऐप जैसे टूल पर लोग ऐसी झूठी बात फैलाते हैं इससे सीरीयसली मत लो. इतने साल से सत्ता में हैं एक भी आरोप सत्य साबित नहीं हुए. ये लोग किस मुंह से बात करें, हम स्ट्रॉन्ग विकेट पर हैं. झूठी बात पर ध्यान नहीं देना और सच बात में चलना.
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ऐसे माहौल में खुद पीएम नरेंद्र मोदी राज्य में एक परिचित से दिवाली के मौके पर की गई बातचीत के ऑडियो पर बनी एक स्टोरी को अपने ट्विटर हैंडल से शेयर की है. इस बातचीत में जहां दिवाली की बधाई दी जा रही है वहीं राज्य के राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई है.
इस बातचीत में गुजरात का कारोबारी जहां पीएम नरेंद्र मोदी को राजनीतिक हालात बता रहे हैं वहीं पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें अपना पक्ष समझा रहे हैं. गोपाल भाई नाम के पीएम नरेंद्र मोदी के परिचित ने कांग्रेस के कुप्रचार की बात की है और बताया है कि किस प्रकार पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल कम हो रहा है. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी बता रहे हैं कि कैसे उन्हें बचपन से ही गाली मिली है. फिर भी वह ईमानदारी से अपना काम करते आ रहे हैं. पीएम उनसे आग्रह कर रहे हैं कि सच पर चलना है, झूठ पर नहीं.
नीचे दोनों में हुई बातचीत का पूरा ट्रांस्क्रिप्ट है
गोपाल भाई: हैलो
नमो: हैलो
गोपाल भाई: साहेब नमस्कार
नमो: गोपाल भाई केम छो
गोपाल : बस साहेब मजा में छो.
हैप्पी दिवाली साहेब...
नमो: बढ़ा ने मारी दिवाली ने मुबारका
गोपाल : संस्कारी नगरी वडोदरा की तरफ से आपको हम सबकी ओर से दिवाली की शुभकामनाएं
नमो: अरे भाई वडोदरा का तो मैं ऋणी हूं. वडोदरा ने मुझे उतना मान सम्मान दिया है पूछो मत. वडोदरा का मैं आभारी हूं.
अभी भी स्टेशनरी की दूकान है कि कुछ और कर रहे हो.
गोपाल : साहेब मैं और मेरी पत्नी अभी भी स्टेशनरी की दुकान चला रहे हैं. आप खांदराल मार्केट रोड शो पर आए थे.
नमो: हां मुझे पता है.
गोपाल : मेरा सवाल है कि हाल में जो गुजरात में बदलाव आए हैं कांग्रेस के अप्रचार की वजह से नकारात्मक मानसिकता फैल रही है. इसमें से कार्यकर्ता को बाहर कैसे निकाला जाए.
नमो: देखो अपने नसीब में जब से जन्म हुआ है तब से गाली लिखी है. हाहा हाहा...
अपने नसीब में झूठ ही लिखा है. और हम ये गालियों और झूठ सुन सुन के याहं तक पहुंचे हैं. इसलिए इसकी चिंता नहीं करें.
क्या एक भी चुनाव देखा है आपने जिसमें झूठ ना फैलाया हो. मौत का सौदागर कहा गया मुझे. हत्यारा लुटेरा, खून में लथपथ हाथ. पर जनता सत्य को जानती है. पहले अफवाह कानोंकान फैलती थी अब वॉट्सऐप फैलाने में मदद करता है. ये अप्रचार को सीरियसली मत लो. लोड मत लो. हम सत्य के रास्ते पर हैं, अपने को चिंता नहीं करनी है.
अपने लोगों के लिए काम करें. वॉट्सऐप जैसे टूल पर लोग ऐसी झूठी बात फैलाते हैं इससे सीरीयसली मत लो. इतने साल से सत्ता में हैं एक भी आरोप सत्य साबित नहीं हुए. ये लोग किस मुंह से बात करें, हम स्ट्रॉन्ग विकेट पर हैं. झूठी बात पर ध्यान नहीं देना और सच बात में चलना.
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