प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
दलितों के मुद्दों को लेकर विपक्ष के हमले का सामना कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बीजेपी ने पार्टी के दलित नेताओं से समुदाय के बीच एक आक्रामक अभियान शुरू करने को कहा है. पार्टी का कहना है कि दलितों के एक वर्ग को अपने समर्थन में करने में उसकी 'सफलता' ने कांग्रेस और बीएसपी को उसके खिलाफ 'दुष्प्रचार' अभियान शुरू करने के लिए प्रेरित किया है.
बीजेपी के दलित सांसदों और पदाधिकारियों के अलावा पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्षों की मंगलवार शाम एक बैठक हुई. बैठक में आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं बीजेपी तथा संघ के बीच समन्वय का कामकाज देखने वाले कृष्ण गोपाल के अलावा पार्टी महासचिव रामलाल और भूपेंद्र यादव ने उनसे बात की.
बैठक उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महत्व रखती है, क्योंकि बीजेपी दलितों को आकर्षित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. मतदाताओं में दलितों की संख्या करीब 20 प्रतिशत है. कई का मानना है कि हाल के मामलों से उसके इस अभियान को नुकसान पहुंचा है.
उम्मीद है कि बीजेपी के दलित सांसद और अन्य नेता कई राज्यों में गौरक्षकों द्वारा दलितों पर हमलों के बाद उत्पन्न स्थिति को लेकर पार्टी का बचाव करने के लिए उन क्षेत्रों में जाएंगे, जहां दलितों की संख्या बड़ी तादाद में है. बीजेपी प्रवक्ता एवं दलित नेता विजय सोनकर शास्त्री ने कहा, 'विपक्ष ने हमारे खिलाफ दुष्प्रचार अभियान शुरू किया है. कांग्रेस और बसपा साथ हैं, क्योंकि वे हमारे द्वारा दलितों को अपने समर्थन में करने को लेकर घबरायी हुई है. हमारे वरिष्ठ नेताओं के बयानों को तोड़मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. हमें इसका आक्रामक और प्रभावी तरीके से मुकाबला करना होगा.' बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का भी उल्लेख किया गया कि तथाकथित गौरक्षकों में से 70.80 प्रतिशत असामाजिक तत्व हैं.
सूत्रों के अनुसार, कई नेताओं ने बैठक में ये भी कहा कि मोदी ने कहा था कि गौसंरक्षण अच्छी चीज है और उन्होंने इस संबंध में अपने द्वारा किए गए अच्छे कार्य का उल्लेख भी किया था, लेकिन अब यह आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने गायों के संरक्षण के लिए काम करने वाले सभी समूहों की आलोचना की है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बीजेपी के दलित सांसदों और पदाधिकारियों के अलावा पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्षों की मंगलवार शाम एक बैठक हुई. बैठक में आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं बीजेपी तथा संघ के बीच समन्वय का कामकाज देखने वाले कृष्ण गोपाल के अलावा पार्टी महासचिव रामलाल और भूपेंद्र यादव ने उनसे बात की.
बैठक उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महत्व रखती है, क्योंकि बीजेपी दलितों को आकर्षित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. मतदाताओं में दलितों की संख्या करीब 20 प्रतिशत है. कई का मानना है कि हाल के मामलों से उसके इस अभियान को नुकसान पहुंचा है.
उम्मीद है कि बीजेपी के दलित सांसद और अन्य नेता कई राज्यों में गौरक्षकों द्वारा दलितों पर हमलों के बाद उत्पन्न स्थिति को लेकर पार्टी का बचाव करने के लिए उन क्षेत्रों में जाएंगे, जहां दलितों की संख्या बड़ी तादाद में है. बीजेपी प्रवक्ता एवं दलित नेता विजय सोनकर शास्त्री ने कहा, 'विपक्ष ने हमारे खिलाफ दुष्प्रचार अभियान शुरू किया है. कांग्रेस और बसपा साथ हैं, क्योंकि वे हमारे द्वारा दलितों को अपने समर्थन में करने को लेकर घबरायी हुई है. हमारे वरिष्ठ नेताओं के बयानों को तोड़मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. हमें इसका आक्रामक और प्रभावी तरीके से मुकाबला करना होगा.' बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का भी उल्लेख किया गया कि तथाकथित गौरक्षकों में से 70.80 प्रतिशत असामाजिक तत्व हैं.
सूत्रों के अनुसार, कई नेताओं ने बैठक में ये भी कहा कि मोदी ने कहा था कि गौसंरक्षण अच्छी चीज है और उन्होंने इस संबंध में अपने द्वारा किए गए अच्छे कार्य का उल्लेख भी किया था, लेकिन अब यह आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने गायों के संरक्षण के लिए काम करने वाले सभी समूहों की आलोचना की है.
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