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This Article is From Apr 29, 2016

तमिलनाडु की पार्टियां उत्तर भारतीयों को रिझाने के लिए हिंदी पर दांव लगा रही हैं

तमिलनाडु की पार्टियां उत्तर भारतीयों को रिझाने के लिए हिंदी पर दांव लगा रही हैं
सांकेतिक तस्वीर
चेन्नई: ‘‘हमारे एगमोर क्षेत्र के उम्मीदवार श्रीमान के एस रविचन्द्रन (द्रमुक) को आप अपना बहुमूल्य मत द्रमुक के चुनाव चिह्न उगता सूरज पर अपनी मोहर लगाकर उन्हें भारी बहुमत से विजयी बनाएं।’’ हिंदी में इस तरह के संदेश तमिलनाडु में आजकल सामान्य तौर पर देखा जा रहे हैं जहां राजनीतिक दल तमिल भाषा के प्रति अपना प्यार दिखाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं।

लेकिन चुनाव के मौसम में विभिन्न दल इस तरह की अप्रत्याशित घोषणाएं कर रहे हैं ताकि उत्तर भारतीयों को रिझा सकें जो काफी वषरें से यहां रह रहे हैं।

हिंदी में इस तरह के वाक्य एगमोर से द्रमुक के उम्मीदवार रविचन्द्रन चुनाव प्रचार सामग्री जैसे बिलबोर्ड और पैम्फलेट पर उद्धृत हैं। मारवाड़ी सहित काफी संख्या में उत्तर भारतीय वर्षों से इस विधानसभा क्षेत्र में रह रहे हैं।

  दलों के उम्मीदवार हिंदी में कर रहे प्रचार
न केवल द्रमुक बल्कि दूसरे दलों के उम्मीदवार भी हिंदी में यहां और राज्य के उन दूसरे हिस्सों में प्रचार कर रहे हैं जहां उत्तर भारतीयों की ज्यादा मौजूदगी है।

उदाहरण के लिए वस्त्र निर्यात शहर तिरूपुर में भी काफी संख्या में उत्तर भारतीय रहते हैं जो लंबे समय से तमिलनाडु में रह रहे हैं। न केवल हिंदी बल्कि तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ जैसी दक्षिण भारतीय भाषाओं में भी प्रचार अभियान चल रहा है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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