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This Article is From Jan 19, 2015

गुजरात के 'कामयाब' चुनावी मॉडल को दिल्ली में लागू करने की अमित शाह की तैयारी

गुजरात के 'कामयाब' चुनावी मॉडल को दिल्ली में लागू करने की अमित शाह की तैयारी
दिल्ली में बीजेपी के पोस्टर में किरण बेदी
नई दिल्ली:

दिल्ली चुनाव का नया बीजेपी पोस्टर इस बात की तस्दीक करता है कि अब किरन बेदी ही दिल्ली में बीजेपी का चेहरा हैं। सोमवार शाम को रोड शो करके वो रोहिणी से अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगी। इसी रोहिणी के जपानी पार्क में दिल्ली के लिए लोकसभा चुनाव के प्रचार की शुरुआत नरेंद्र मोदी ने की थी।

इससे पहले शनिवार को उन्होंने अपने घर मेयर की बैठक ली फिर रविवार को बीजेपी के सांसदों के साथ उनकी मुलाकात हुई।

उसमें उन्होंने सांसदों से सात महीने के किए गए विकास काम का ब्यौरा मांगा। जिसे बताकर वो लोगों से वोट मांग सके। खुद केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन भी उनसे मिलने उनके घर पहुंचे। हालांकि तब तक किरन बेदी बीजेपी आफिस जा चुकी थी।

उनकी मुलाकात नहीं हो पाई लेकिन डॉ हर्षवर्द्धन का भी ये कहना था कि वो किरन बेदी के घर चाय पीने आए हैं वो अच्छी प्रशासक रही है। दिल्ली में उनकी लोकप्रियता है।

मीनाक्षी लेखी ने तो यहां तक कह दिया कि किरन बेदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने में हर्ज क्या है। इन सारी बातों से किरन बेदी के बढ़ते कद का अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि अंदर खाते बीजेपी के वरिष्ठ नेता जगदीश मुखी इससे खुश नहीं है। लेकिन आला कमान ने जब किरन बेदी को दिल्ली चुनाव की कमान सौंपी हों तो वो खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं।

उनका कहना है कि किरन बेदी के आने से बीजेपी मजबूत हुई है। सोमवार को किरन बेदी अपने नए दफ्तर से दिल्ली बीजेपी की रणनीति बनाने की औपचारिक शुरुआत करेंगी। रविवार को खुद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि किरन बेदी की सक्रियता से बीजेपी को लाभ पहुंचेगा। उन्होंने ये भी कहा कि इससे अरविंद केजरीवाल के खेमे में खलबली मची है।

गुजरात मॉडल पर बूथ मैनेजमेंट
अब तक नरेंद्र मोदी और अमित शाह विकास मे गुजरात मॉडल की वकालत करते थे, लेकिन अब दिल्ली विधानसभा में बूथ का मैनेजमेंट गुजरात मॉडल पर होगी। खुद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बूथ प्रभारी और पन्ना प्रमुख की बैठक में कहा कि गुजरात के चुनाव में जिस तरह से बूथ का मैनेजमेंट हम करते हैं, उसी तर्ज पर दिल्ली विधानसभा के बूथ का मैनेजमेंट भी होगा। यानि एक बूथ पर 20 कार्यकर्ता रहेंगे, उनकी निगरानी पन्ना प्रमुख करेंगे। पन्ना प्रमुख के ऊपर बूथ प्रमुख होंगे जो जिला इकाई के अंतर्गत होंगे। दिल्ली में तकरीबन 11.5 हजार पोलिंग बूथ हैं। इसके लिए करीब दो लाख कार्यकर्ताओं को बीजेपी मैदान में उतारने की तैयारी में है।

यही नहीं, ये बूथ कार्यकर्ता हर दिन 30 परिवार से मिलकर उनका डाटा तैयार करेंगे। जो बीजेपी के डाटा बेस में सुरक्षित होगा।
यानि बीजेपी के प्रदेश लेवल के नेता जब चाहे उस डाटा के जरिए परिवार से संपर्क करके बूथ कार्यकर्ताओं की जानकारी ले सकते हैं। प्रत्याशी ज्यादा से ज्यादा लोगों से डोर टू डोर कैंपेन करेगा। किरन बेदी और नरेंद्र मोदी जैसे नेता रैली करके जनता के बीच मोमेंटम बनाएंगे और बूथ लेवल के कार्यकर्ता व्यक्तिगत तौर पर 30 परिवारों से मिलेंगे।

अमित शाह ने कहा कि इसी मैनेजमेंट के आधार पर वो गुजरात का चुनाव जीतते हैं। वो कभी अपने संसदीय क्षेत्र में नहीं घूमते हैं बूथ प्रभारी और पन्ना प्रमुख ही उन्हें चुनाव जीतवाते हैं।

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