नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने उन खबरों का खंडन किया है कि सरकार आचार संहिता को संवैधानिक दर्जा देने के लिए कानून बनाएगी। एक अखबार में सुबह खबर छपी थी कि पहले सलमान खुर्शीद फिर बेनी प्रसाद वर्मा और अब राहुल गांधी, एक के बाद एक कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं पर आचार संहिता के उल्लघंन के मामले से केंद्र सरकार तिलमिला गई है और अब कोशिश इस बात की हो रही है कि आचार संहिता को संवैधानिक रूप दिया जा सके।
अखबार में आई खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद ने कहा है कि सरकार ऐसा कोई कदम उठाने नहीं जा रही है। सिब्बल ने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई बात नहीं है लेकिन चुनाव के बाद चुनाव प्रक्रिया में सुधारों के लिए सभी दलों से बातचीत की जाएगी। इसमें तमाम उन मुद्दों को उठाया जाएगा जो चुनाव आयोग लगातार उठाते आ रहा है।
जानकारों का मानना है कि अगर ऐसा हुआ तो नेताओं पर नकेल कसने की चुनाव आयोग की ताकत खत्म हो जाएगी और इस बात निबटारा कोर्ट में होगा। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक सरकार के इस गोपनीय एजेंडे का नोट करप्शन पर बने मंत्रियों के समूह में सर्कुलेट किया गया जिसके मुखिया वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी हैं।
सरकार के इस कदम पर मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि अगर ऐसा हुआ तो कोर्ट में मामले के निबटारे में सालों लगेंगे तब तक नेताओं को खुली छूट रहेगी।
अखबार में आई खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद ने कहा है कि सरकार ऐसा कोई कदम उठाने नहीं जा रही है। सिब्बल ने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई बात नहीं है लेकिन चुनाव के बाद चुनाव प्रक्रिया में सुधारों के लिए सभी दलों से बातचीत की जाएगी। इसमें तमाम उन मुद्दों को उठाया जाएगा जो चुनाव आयोग लगातार उठाते आ रहा है।
जानकारों का मानना है कि अगर ऐसा हुआ तो नेताओं पर नकेल कसने की चुनाव आयोग की ताकत खत्म हो जाएगी और इस बात निबटारा कोर्ट में होगा। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक सरकार के इस गोपनीय एजेंडे का नोट करप्शन पर बने मंत्रियों के समूह में सर्कुलेट किया गया जिसके मुखिया वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी हैं।
सरकार के इस कदम पर मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि अगर ऐसा हुआ तो कोर्ट में मामले के निबटारे में सालों लगेंगे तब तक नेताओं को खुली छूट रहेगी।
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