लखनऊ:
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के चुनाव में बुंदेलखण्ड के सैकड़ों ग्रामीणों ने अपने क्षेत्र में विकास न होने के कारण गुरुवार को होने वाले मतदान का बहिष्कार कर जनप्रतिनिधियों के प्रति अपना आक्रोश प्रकट किया।
सड़क, बिजली और पानी की बदहाली से गुस्साए हमीरपुर जिले के बेरी और इंद्रपुरी गांव के सैकड़ों लोगों ने गुरुवार को मतदान का बहिष्कार कर लोकतंत्र के उत्सव में शामिल होने से इंकार कर दिया।
हमीरपुर सदर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले इन दोनों गावों में करीब 3,000 ग्रामीण मतदाता हैं। सदर विधानसभा क्षेत्र से 2007 का विधानसभा चुनाव अशोक सिंह चंदेल समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर जीते थे।
ग्रामीण गोपाल लोधी ने संवाददाताओं से कहा कि हम लोगों के गांव में सड़क नहीं है। बिना सड़क के आवागमन में बहुत दिक्कतें आती हैं। सड़क बनवाने की मांग को लेकर हमने अपने स्थानीय विधायकों से कई बार गुहार लगाई लेकिन सबने हमें केवल आश्वासन ही दिया। इसलिए हमने किसी नेता को अपना वोट न देने का फैसला किया।
उधर हमीरपुर के जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीनिवास ने आईएएनएस से कहा, "जैसे ही मुझ्झे बहिष्कार की जानकारी मिली मैंने अधिकारियों को गांव भेजकर मामले की जानकारी की तो पता चला कि दोनों गांव के लोगों ने विकास कार्यो से नाराज होने के कारण मतदान का बहिष्कार करने का फैसला किया।"
जिलाधिकारी ने कहा कि अधिकारियों द्वारा काफी समय तक मतदान करने के लिए ग्रामीणों की मान-मनौव्वल की गई लेकिन वे बहिष्कार के अपने फैसले पर अटल रहे।
एटा जिले के गुमनापुर और फिरोजाबाद जिले के तुंडना गांव में भी ग्रामीणों द्वारा सड़क और बिजली की समस्या को लेकर मतदान का बहिष्कार किए जाने की खबरें हैं।
सड़क, बिजली और पानी की बदहाली से गुस्साए हमीरपुर जिले के बेरी और इंद्रपुरी गांव के सैकड़ों लोगों ने गुरुवार को मतदान का बहिष्कार कर लोकतंत्र के उत्सव में शामिल होने से इंकार कर दिया।
हमीरपुर सदर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले इन दोनों गावों में करीब 3,000 ग्रामीण मतदाता हैं। सदर विधानसभा क्षेत्र से 2007 का विधानसभा चुनाव अशोक सिंह चंदेल समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर जीते थे।
ग्रामीण गोपाल लोधी ने संवाददाताओं से कहा कि हम लोगों के गांव में सड़क नहीं है। बिना सड़क के आवागमन में बहुत दिक्कतें आती हैं। सड़क बनवाने की मांग को लेकर हमने अपने स्थानीय विधायकों से कई बार गुहार लगाई लेकिन सबने हमें केवल आश्वासन ही दिया। इसलिए हमने किसी नेता को अपना वोट न देने का फैसला किया।
उधर हमीरपुर के जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीनिवास ने आईएएनएस से कहा, "जैसे ही मुझ्झे बहिष्कार की जानकारी मिली मैंने अधिकारियों को गांव भेजकर मामले की जानकारी की तो पता चला कि दोनों गांव के लोगों ने विकास कार्यो से नाराज होने के कारण मतदान का बहिष्कार करने का फैसला किया।"
जिलाधिकारी ने कहा कि अधिकारियों द्वारा काफी समय तक मतदान करने के लिए ग्रामीणों की मान-मनौव्वल की गई लेकिन वे बहिष्कार के अपने फैसले पर अटल रहे।
एटा जिले के गुमनापुर और फिरोजाबाद जिले के तुंडना गांव में भी ग्रामीणों द्वारा सड़क और बिजली की समस्या को लेकर मतदान का बहिष्कार किए जाने की खबरें हैं।
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