यह ख़बर 28 जनवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

दावे, प्रतिदावे के बीच पंजाब में चुनाव प्रचार खत्म

खास बातें

  • पंजाब में 30 जनवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार शाम को प्रचार खत्म हो गया।
चण्डीगढ़:

पंजाब में 30 जनवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार शाम को प्रचार खत्म हो गया।

कुल 117 सदस्यीय विधानसभा के लिए होने जा रहे चुनाव में दोनों प्रमुख दलों शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस ने जीत का दावा किया है। लेकिन उनकी सबसे बड़ी समस्या पार्टी से बगावत कर मैदान में उतरे उम्मीदवार हैं। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के भतीजे मनप्रीत सिंह द्वारा गठित पंजाब पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और उनके तीसरे मोर्चे के कारण दोनों प्रमुख दलों के सामने चुनौती पेश की है।

राज्य में सत्ताधारी अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान विकास को मुद्दा बनाया। गठबंधन का दावा है कि पिछले पांच वर्ष में राज्य में जितना विकास हुआ है उतना इससे पहले कभी नहीं हुआ। वहीं कांग्रेस ने राज्य सरकार की विफलताओं को मुख्य मुद्दा बनाया है।

कुल 1.76 करोड़ मतदाताओं वाले इस राज्य में वैसे तो पिछले चार दशक में कोई भी पार्टी सत्ता में वापसी नहीं की है लेकिन अकाली दल का दावा है कि वह इस इतिहास को बदल देगा।

यह चुनाव अकाली दल के युवा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बेटे 49 वर्षीय सुखबीर बादल के लिए सबसे अहम है। पार्टी एक नए नेतृत्व और परिवार में बगावत के बीच मैदान में उतरी है।

दरअसल, मुख्यमंत्री बादल के सगे भाई 81 वर्षीय गुरदास बादल पीपीपी के टिकट पर अपने बड़े भाई खिलाफ लांबी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि चचेरे भाई महेशिंदर सिंह बादल कांग्रेस की टिकट पर यहां से मैदान में हैं।

वर्ष 2007 के चुनाव में अकाली दल के 49 और सहयोगी भाजपा के 19 विधायक थे जबकि कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली थी।
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का कहना है कि राज्य में विकास के जो दावे किए जा रहे हैं वे सब केंद्र सरकार की देन है और राज्य की जनता इस बात को समझती है।

इस बीच पीपीपी द्वारा राज्य में परिवर्तन की मांग करना सबसे दिलचस्प है। वैसे तो राज्य में किसी को पीपीपी के सरकार बनाने की सम्भावना नहीं दिख रही है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि अगर दोनों प्रमुख दलों को बहुमत नहीं मिलता है तो पीपीपी की भूमिका 'किंग मेकर' की हो सकती है।

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इन चुनावी बयानबाजी से इतर निर्वाचन ओयाग ने राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। प्रचार के दौरान की गई छापेमारी में राज्य में 33 करोड़ रुपये की नकदी, 512,400 बोतल देसी शराब, 16,500 से अधिक मिलावटी शराब, करीब 30 किलोग्राम हेरोइन, 2700 किलोग्राम अफीम और 161,000 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किए हैं। राज्य में मतगणना छह मार्च को होगी।