नई दिल्ली:
भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) विनोद राय ने सेवानिवृति के बाद राजनीति में उतरने के सवाल पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई, लेकिन कहा कि बेहतर यही होगा ‘‘मैं इस सवाल को समय पर छोड़ता हूं कि मुझे क्या करना है।’’ राय इस साल मई में कैग पद से सेवानिवृत हो जाएंगे।
सेवानिवृति के बाद उनके राजनीति में उतरने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर राय ने कहा ‘‘मैं अपने पूरे करियर में पूरी तरह से राजनीति से दूर रहा हूं, और मुझे उम्मीद है कि मैं ऐसा ही रहूंगा।’’ उन्होंने कहा ‘‘बेहतर यही रहेगा कि इस मुद्दे को मैं समय पर छोड़ देता हूं कि मुझे क्या करना चाहिए।’’
विनोद राय ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) का पद जनवरी 2008 में संभाला था। कैग रहते हुए उन्होंने 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन और कोयला ब्लॉक आवंटन में गड़बड़ियों के बहुचर्चित रिपोर्ट निकालीं। इन रिपोर्टों को लेकर वह सरकार और कांग्रेस पार्टी के निशाने पर भी रहे।
कैग का पद संभालने से पहले राय वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा क्षेत्र विभाग में सचिव थे। इस विभाग के तहत बैंकों और बीमा कंपनियां आती हैं।
सेवानिवृति के बाद उनके राजनीति में उतरने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर राय ने कहा ‘‘मैं अपने पूरे करियर में पूरी तरह से राजनीति से दूर रहा हूं, और मुझे उम्मीद है कि मैं ऐसा ही रहूंगा।’’ उन्होंने कहा ‘‘बेहतर यही रहेगा कि इस मुद्दे को मैं समय पर छोड़ देता हूं कि मुझे क्या करना चाहिए।’’
विनोद राय ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) का पद जनवरी 2008 में संभाला था। कैग रहते हुए उन्होंने 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन और कोयला ब्लॉक आवंटन में गड़बड़ियों के बहुचर्चित रिपोर्ट निकालीं। इन रिपोर्टों को लेकर वह सरकार और कांग्रेस पार्टी के निशाने पर भी रहे।
कैग का पद संभालने से पहले राय वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा क्षेत्र विभाग में सचिव थे। इस विभाग के तहत बैंकों और बीमा कंपनियां आती हैं।
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