फोटो प्रतीकात्मक
सिडनी:
आपके मिलनसार होने का फायदा आपको हर जगह मिल सकता है, लेकिन बात अगर शुक्राणु दान करने की हो, तो आप वहां पिछड़ जाएंगे। ऑनलाइन मार्केट में इसके लिए महिलाएं ऐसे पुरुषों को पसंद कर रही हैं, जो बुद्धिमान और शांत दिमाग के तो हों ही, साथ ही उनका शर्मीला होना भी जरूरी है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है।
ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ता स्टीफन व्हाइट ने कहा, 'दुनियाभर में शुक्राणुदाताओं की मांग जोरों पर है। इसके लिए एक अनौपचारिक ऑनलाइन बाजार की शुरुआत हुई है, जहां बच्चे औपचारिक क्लीनिकों के बाहर पैदा होते हैं।'
व्हाइट ने कहा, 'महिलाओं को आकर्षित करने में पुरुषों की मिलनसार होने की प्रकृति सहायक हो सकती है, लेकिन शुक्राणु दान में यह उलटी साबित होती है।' ऑनलाइन डोनर मार्केट फर्टिलिटी क्लीनिकों से अलग तरीके से काम करता है। यह शुक्राणु दानकर्ता व प्राप्तकर्ता को ज्यादा से ज्यादा घुलने-मिलने को प्राथमिकता देता है।
56 लोगों के आंकड़ों को किया गया एकत्र
रेग्युलेटेड (पेड), सेमी रेग्युलेटेड व अनरेग्युलेटेड (फ्री) ऑनलाइन स्पर्म डोनेशन फोरम व वेबसाइटों से अध्ययन के लिए साल 2012 व 2013 के बीच 56 पुरुषों के आंकड़ों को इकट्ठा किया गया। अध्ययन में शामिल किए गए भागीदारों की आयु 23 व 66 बर्ष के बीच थी, जो ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन, इटली, स्वीडन व अमेरिका के थे।
व्हाइट ने कहा, 'महिलाओं ने उन पुरुषों के शुक्राणुओं को लेने से इंकार कर दिया जो चिड़चिड़े व सामाजिक रूप से अजीब तरह का व्यवहार करने वाले थे, लेकिन उन्होंने मिलनसार लोगों के शुक्राणुओं को भी लेने से इंकार कर दिया।' उन्होंने कहा, 'बहिर्मुखी की जगह उन्होंने अंतर्मुखी पुरुषों के शुक्राणुओं को ज्यादा पसंद किया।' यह अध्ययन पत्रिका 'अप्लाइड इकोनॉमिक्स लेटर्स' में प्रकाशित हुआ है।
ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ता स्टीफन व्हाइट ने कहा, 'दुनियाभर में शुक्राणुदाताओं की मांग जोरों पर है। इसके लिए एक अनौपचारिक ऑनलाइन बाजार की शुरुआत हुई है, जहां बच्चे औपचारिक क्लीनिकों के बाहर पैदा होते हैं।'
व्हाइट ने कहा, 'महिलाओं को आकर्षित करने में पुरुषों की मिलनसार होने की प्रकृति सहायक हो सकती है, लेकिन शुक्राणु दान में यह उलटी साबित होती है।' ऑनलाइन डोनर मार्केट फर्टिलिटी क्लीनिकों से अलग तरीके से काम करता है। यह शुक्राणु दानकर्ता व प्राप्तकर्ता को ज्यादा से ज्यादा घुलने-मिलने को प्राथमिकता देता है।
56 लोगों के आंकड़ों को किया गया एकत्र
रेग्युलेटेड (पेड), सेमी रेग्युलेटेड व अनरेग्युलेटेड (फ्री) ऑनलाइन स्पर्म डोनेशन फोरम व वेबसाइटों से अध्ययन के लिए साल 2012 व 2013 के बीच 56 पुरुषों के आंकड़ों को इकट्ठा किया गया। अध्ययन में शामिल किए गए भागीदारों की आयु 23 व 66 बर्ष के बीच थी, जो ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन, इटली, स्वीडन व अमेरिका के थे।
व्हाइट ने कहा, 'महिलाओं ने उन पुरुषों के शुक्राणुओं को लेने से इंकार कर दिया जो चिड़चिड़े व सामाजिक रूप से अजीब तरह का व्यवहार करने वाले थे, लेकिन उन्होंने मिलनसार लोगों के शुक्राणुओं को भी लेने से इंकार कर दिया।' उन्होंने कहा, 'बहिर्मुखी की जगह उन्होंने अंतर्मुखी पुरुषों के शुक्राणुओं को ज्यादा पसंद किया।' यह अध्ययन पत्रिका 'अप्लाइड इकोनॉमिक्स लेटर्स' में प्रकाशित हुआ है।
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