कुछ दिन पहले मुख्य रूप से दक्षिणी भारतीय राज्य केरल और उसके अलावा देश के कई और हिस्सों में भी बेहद धूम-धाम से ओणम मनाया गया. पारंपरिक तौर पर ओणम के मौके पर पूकलम यानी फूलों की रंगोली बनाने का रिवाज है. पूकलम से जुड़ा एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में एक महिला जानबूझकर पैरों से पूकलम को खराब करती हुई नजर आ रही है. पूरा मामला बेंगलुरु की एक सोसाइटी का बताया जा रहा है, जहां सोसाइटी वासियों के साथ तीखी बहस के बाद गुस्साई महिला ने जानबूझकर बच्चों द्वारा बनाई गई खूबसूरत सी पूकलम को खराब कर दिया. सोशल मीडिया यूजर्स वीडियो में नजर आ रही महिला की जमकर आलोचना कर रहे हैं.
पैरों से खराब कर दी पुकलम
वीडियो में बेंगलुरु के मोनार्क सेरेनिटी अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स की रेसिडेंट सिमी नायर का सोसाइटी के अन्य लोगों के साथ बहस करते हुए देखा जा सकता है. महिला पर्सनल अपार्टमेंट की जगह कॉमन एरिया में त्योहार के अरेंजमेंट्स को लेकर सवाल उठाती है. अन्य रेसिडेंट्स बताते हैं कि लॉबी सार्वजनिक स्पेस है. इसके बाद वीडियो में महिला को बिना किसी हिचक के पूकलम के पास जा कर जान-बूझकर पैरों से खराब करते हुए देखा जा सकता है. बता दें कि सोसाइटी के बच्चों ने मिल कर खूबसूरत सा पूकलम तैयार किया था. इस वीडियो को देखने के बाद यूजर्स महिला की निर्दयता और असंवेदनशीलता पर तीखी टिप्पणी कर रहे हैं.
यहां देखें पोस्ट
That was truly shameless behavior! Simi Nair, a resident of Monarch Serenity Apartment Complex in Bengaluru, deliberately destroyed a Pookalam created by children in the common area to celebrate Onam. This act not only shows a lack of respect for the traditions and efforts of the… pic.twitter.com/RrGrb9d3W0
— Karnataka Portfolio (@karnatakaportf) September 22, 2024
एक्स पर शेयर किया गया है वीडियो
पैरों से जानबूझकर खूबसूरत पूकलम को बिगाड़ती महिला का वायरल वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया गया है. कर्नाटक पोर्टफोलियो नाम के एक्स हैंडल ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "वह सचमुच शर्मनाक व्यवहार था! बेंगलुरु के मोनार्क सेरेनिटी अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स की निवासी सिमी नायर ने ओणम मनाने के लिए बच्चों द्वारा बनाए गए पूकलम को जानबूझकर नष्ट कर दिया. यह कृत्य ना केवल बच्चों के प्रयासों और परंपराओं के प्रति सम्मान की कमी को दर्शाता है, बल्कि समुदाय की उस भावना को भी कमजोर करता है, जिसे बढ़ावा देने के लिए ओणम जैसे आयोजन होते हैं."
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