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लंदन:
दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव के प्रति महिलाएं पुरुषों से अधिक संवेदनशील क्यों होती हैं, इसका जवाब वैज्ञानिकों को मिल गया है। इसका कारण कोशिकाओं की संवेदनशीलता होती है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है।
महिलाएं खासकर जो रजोनिवृत्त हो चुकी हैं, की यकृत की कोशिकाएं दवाओं के दुष्प्रभावों के प्रति पुरुषों से ज्यादा संवेदनशील होती हैं। अध्ययन के मुताबिक, यह पहले से ही ज्ञात है कि यकृत को नुकसान पहुंचाने वाली दवाएं पुरुषों से अधिक महिलाओं को प्रभावित करती हैं, लेकिन पहली बार यह बात सामने आई है कि यह प्रभाव कोशिकीय स्तर पर होता है।
अध्ययन में कहा गया है, 'हमारे निष्कर्ष में यह बात सामने आई है कि महिलाओं की कोशिकाएं कुछ दवाओं के दुष्प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं।'
अध्ययन के लिए यूरोपियन कमीशन ज्वाइंट रिसर्च सेंटर ने महिला व पुरुषों के शरीर से लिए गए यकृत कोशिकाओं पर पांच दवाओं (डाइक्लोफेनेक, क्लोरप्रोमाजीन, एसीटामिनोफेन, वेरापामिल तथा ओमेप्राजोल) का अध्ययन किया। इन दवाओं का यकृत पर दुष्प्रभाव पहले से ही ज्ञात है।
अध्ययन के दौरान महिलाओं (रजोनिवृत्त) के यकृत की कोशिकाएं ज्यादा संवेदनशील पाई गईं। यह अध्ययन पत्रिका 'पीएलओएस ओएनई' में प्रकाशित हुआ है।
महिलाएं खासकर जो रजोनिवृत्त हो चुकी हैं, की यकृत की कोशिकाएं दवाओं के दुष्प्रभावों के प्रति पुरुषों से ज्यादा संवेदनशील होती हैं। अध्ययन के मुताबिक, यह पहले से ही ज्ञात है कि यकृत को नुकसान पहुंचाने वाली दवाएं पुरुषों से अधिक महिलाओं को प्रभावित करती हैं, लेकिन पहली बार यह बात सामने आई है कि यह प्रभाव कोशिकीय स्तर पर होता है।
अध्ययन में कहा गया है, 'हमारे निष्कर्ष में यह बात सामने आई है कि महिलाओं की कोशिकाएं कुछ दवाओं के दुष्प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं।'
अध्ययन के लिए यूरोपियन कमीशन ज्वाइंट रिसर्च सेंटर ने महिला व पुरुषों के शरीर से लिए गए यकृत कोशिकाओं पर पांच दवाओं (डाइक्लोफेनेक, क्लोरप्रोमाजीन, एसीटामिनोफेन, वेरापामिल तथा ओमेप्राजोल) का अध्ययन किया। इन दवाओं का यकृत पर दुष्प्रभाव पहले से ही ज्ञात है।
अध्ययन के दौरान महिलाओं (रजोनिवृत्त) के यकृत की कोशिकाएं ज्यादा संवेदनशील पाई गईं। यह अध्ययन पत्रिका 'पीएलओएस ओएनई' में प्रकाशित हुआ है।
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