कोरोना काल ने हमें बहुत कुछ सिखाया. कोरोना के कारण हमने जाना कि हम घर से भी आसानी से काम कर सकते हैं. कोई कहीं भी रहकर आसानी से इंटरनेट की मदद से अपने काम कर सकते हैं. ऐसे में Work From Home लोगों की ज़रूरत बन चुकी है. लोग अब अपनी जीवनशैली में अपना चुके हैं. एक समय था जब अरबपति और उद्योपति आगे बढ़ने के लिए अमेरिका, चीन और कई देश के बड़े शहरों की तरफ रुख करते थे, मगर अब समय और जमाना बदल चुका है. अब अरबति और उद्योगपति मायामी, सिंगापुर और दुबई की तरफ रुख कर रहे हैं. इन्हें न्यूयॉर्क, मॉस्को, बीजिंग जैसे बड़े शहर रास नहीं आ रहे हैं.
देखें ये रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, अरबपति और उद्योपति अपनी जीवनशैली को बेहतरीन बनाने के लिए इन तीन शहरों की तरफ रुख कर रहे हैं. इसकी कई वजहें हो सकती हैं. मौसम, लाइफस्टाइल और इंफ्रास्ट्रक्चर. इन तीन कारणों से लोग इन शहरों में रहना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. इन शहरों में खूबसूरत नज़ारों के अलावा कई और सुविधाएं हैं, जो अन्य शहरों से इन्हें अलग बना रहा है.
ये 3 शहर बन रहे हैं अरबपतियों का नया ठिकाना
रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड के बाद लोगों ने जाना कि सुदूर जगहों पर रहकर भी आसानी से काम किया जा सकता है. इसके अलावा लोग अब जीवन में तनाव बिल्कुल पसंद नहीं कर रहे हैं. ऐसे में ये तीन शहर सभी मानकों को पूरा कर रहे हैं. यहां क्राइम रेट कम है, सुविधाएं ज्यादा हैं. यहां की सरकारें उद्योगपतियों को रिझाने के लिए टैक्स पर छूट दे रही है.
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में न्यूयॉर्क छोड़ने वाले अरबपतियों की संख्या 12 प्रतिश है. हॉन्कॉन्ग छोड़ने वाले अरबपतियों की संख्या 14 प्रतिशत है वहीं मॉस्को का भी यही हाल है. यहां 15 प्रतिशत अरबपतियों ने शहर छोड़ा है.
सिंगापुर में टैक्स में भारी छूट है तो दुबई में अरबपतियों के लिए गोल्डन विजा मिल रहा है. रॉकफेलर इंटरनेशनल फाउंडर ब्रेकआउट कैपिटल के संस्थापक रुचिर शर्मा ने एक आर्टिकल में लिखा है- पूंजीवादी शहर अब एक दूसरे से मिल रहे हैं. मुझे बताया गया है कि मायामी-दुबई फ्लाइट का बिजनस क्लास अब हर रोज़ फुल रहता है. इसका सीधा संबंध अमेरिकन एंटरप्रेन्योर्स और मिडिल ईस्ट की ऑयल वेल्थ से है. जिंबाब्वे समेत कई और देश हैं जो दुबई की कामयाबी को दोहराना चाहते हैं.
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