लंदन:
खगोलीय वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने शनि ग्रह के ऊपरी वातावरण में पानी के स्रोत को खोज कर 14 साल से चले आ रहे रहस्य को हल कर लिया है। जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर सिस्टम रिसर्च के पॉल हारटग के नेतृत्व में एक दल का कहना है कि हर्शेल अंतरिक्ष वेधशाला ने ग्रह के चंद्रमा एन्सिलेडस से निकल रही वाष्प की विशाल फुहारों को शनि पर पाए जाने वाले पानी के लिए जिम्मेदार ठहराया है। 'इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स' के अनुसार, ताजा खुलासे में कहा गया है कि ग्रह का छठा सबसे बड़ा चंद्रमा एन्सिलेडस बर्फ से ढंका हुआ है और शनि ग्रह को पानी मुहैया करा रहा है। जल वाष्प को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर गैस और बर्फ की पट्टियों के रूप में देखा जा सकता है और यह शनि के ऊपरी वातावरण में पानी का मुख्य स्रोत वाष्प बन गया है।
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