नेचर जियो साइंस की एक नई डिस्कवरी में मार्स से जुड़े चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. नई खोज के तहत इस ग्रह पर वॉटर फ्रॉस्ट मिले हैं. इसका सीधा सा अर्थ ये है कि, मार्स की सतह पर जमे हुए पानी के कुछ स्थान मिले हैं, जो नई उम्मीद जता रहे हैं. ये रिसर्च वैज्ञानिकों की एक इंटरनेशनल टीम ने कंडक्ट की, जिसके मुताबिक मार्शियलन इक्वेटर के पास स्थित Tharsis Montes Volcanoes पर वॉटर आइस होने के सूबत मिले हैं. पानी की ये पतली सी लेयर मार्स के बहुत बड़े एरिया में फैली है, जिसे देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये करीब 150,000 टन पानी होगा. जो पृथ्वी पर 60 ओलंपिक साइज स्विमिंग पूल के बराबर हो सकता है.
इस तरह कलेक्ट किया डेटा
इस स्टडी के लिए उन तीस हजार इमेजेस से डाटा कलेक्टर किया गया, जो यूरोपियन स्पेस एजेंसी के एग्जोमार्स और मार्स एक्सप्रेस मिशन्स ने कलेक्ट की हैं. ये दोनों क्राफ्ट मार्स ग्रह का चक्कर लगा रहे हैं. ब्राउन यूनिवर्सिटी ने अपनी एक प्रेस रिलीज में इस बारे में कहा कि, करीब 150,000 टन वाला ये फ्रॉस्ट मार्स की सतह और एटमॉस्फियर में तब बनता है, जब बहुत ठंडक होती है. स्टडी के अनुसार, ये फ्रोस्ट सूरज के उगने से कुछ समय पहले तक ही रहता है. सनलाइट में ये भाप बन कर उड़ जाता है. फ्रोस्ट की परत किसी बाल के जितनी ही पतली होती है. हालांकि, ये बहुत बड़े एरिया में होता है.
मार्स में बर्फबारी!
ब्राउन यूनिवर्सिटी से इस स्टडी को लीड करने वाले वैज्ञानिक Adomas Valantinas के मुताबिक, 'हमें लगा था कि मार्स की इक्वेटर के पास फ्रॉस्ट बनना नामुमकिन होगा, क्योंकि सूरज की रोशनी और पतली एटमोस्फियरिक लेयर की वजह से यहां का तापमान थोड़ा ज्यादा रहता है.' रिसर्च के बाद ये माना जा रहा है कि, जिन ज्वालामुखियों के पास ये फ्रोस्ट मिले हैं, वहां कभी बारिश हुई होगी और शायद बर्फ भी गिरी होगी, जिसके बाद से ये फ्रोस्ट ज्वालामुखी के काल्डेरा में जमती होगी.
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