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मार्स पर मिला इतना पानी कि भर जाएं 60 ओलंपिक स्विमिंग पूल, नई डिस्कवरी में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे
- Tuesday June 11, 2024
- Edited by: शालिनी सेंगर
पानी की ये पतली सी लेयर मार्स के बहुत बड़े एरिया में फैली है, जिसे देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये करीब 1,50,000 टन पानी होगा, जो पृथ्वी पर 60 ओलंपिक साइज स्विमिंग पूल के बराबर हो सकता है.
- ndtv.in
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अंतरिक्ष में नहीं बल्कि धरती पर इस जगह है Aliens का ठिकाना, NASA के एक्स रिसर्चर का चौंकाने वाला दावा
- Sunday December 24, 2023
- Written by: शालिनी सेंगर
एलियंस सच में होते हैं या नहीं इस पर से तो अब तक पर्दा नहीं उठा है, लेकिन नासा के एक वैज्ञानिक ने हाल ही में एलियंस को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा जरूर किया है.
- ndtv.in
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"मंगल ग्रह पर बहता था पानी, बसता था जीवन", New Study के ये रहे चौंकाने वाले नतीजे...
- Wednesday June 29, 2022
- Edited by: वर्तिका
मंगल ग्रह (Mars) की गहरी खाइयों में चिकनी मिट्टी (Clay) है जो करीब 200 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली है. वैज्ञानिकों ने बताया कि इससे पता चलता है कि लैडॉन वैलेस और लैडॉन बेसिन में एक बड़ी झील थी. - नई रिसर्च
- ndtv.in
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मंगलयान-2 एक 'ऑर्बिटर' अभियान होगा : ISRO प्रमुख के. सिवन
- Saturday February 20, 2021
- Reported by: भाषा
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के रोवर ‘पर्सिवियरन्स’ के शुक्रवार तड़के मंगल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन (ISRO) के प्रमुख के. सिवन (K Sivan) ने देर शाम कहा कि ‘लाल ग्रह’ के लिए भारत का मंगलयान-2 एक ‘ऑर्बिटर’ होने की संभावना है. इसरो प्रमुख ने मंगलयान-2 के लिए कोई सटीक समय सीमा नहीं बताई. हालांकि, उन्होंने कहा कि मंगल ग्रह पर भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का अगला अभियान चंद्रयान-3 के बाद भेजा जाएगा.
- ndtv.in
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तीन साल पहले मंगल की कक्षा में पहुंचा था मंगलयान, इसरो ने जारी किए आंकड़े
- Tuesday September 26, 2017
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
मंगल की कक्षा में भारत का मंगलयान पहुंचने की ऐतिहासिक घटना को सोमवार को तीन साल पूरे हो गये. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा, ‘देश के कम लागत वाले मंगलयान मिशन को लाल ग्रह की कक्षा में पहुंचे तीन साल पूरे हो गये हैं.
- ndtv.in
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मंगल ग्रह पर मिला करोड़ों साल पुराना बर्फ का विशालकाय खंड
- Sunday September 13, 2015
- Reported by Bhasha
शोधकर्ताओं ने मंगल की सतह के नीचे बर्फ के बड़े शिलाखंड का पता लगाया है जो 130 फुट मोटा है और कैलिफोर्निया व टेक्सास जितने बड़े इलाके में फैला हुआ है। वैज्ञानिकों ने कहा कि मंगल पर करोड़ों साल पहले हुए हिमपात के कारण यह शिलाखंड बना है।
- ndtv.in
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क्रिकेट की किसी जीत से हजार गुना बड़ी है मंगल अभियान की उपलब्धि : मोदी
- Wednesday September 24, 2014
- Bhasha
वैज्ञानिकों की उपलिब्ध को किसी क्रिकेट टूर्नामेंट की जीत से हजार गुना बड़ा बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर स्कूल और कॉलेज के छात्रों से कहा कि मंगल अभियान की कामयाबी पर वह कम से कम पांच मिनट तालियां बजाकर इन वैज्ञानिकों की सराहना करें।
- ndtv.in
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मंगलयान की ऐतिहासिक कामयाबी की 10 अहम बातें
- Wednesday September 24, 2014
- NDTVKhabar.com team
किसी ने नहीं सोचा था कि सबसे बाद में कोशिश करने वाला भारत अपने पहले ही प्रयास में कामयाबी के झंडे गाड़ देगा। भारतीय मंगलयान ने बुधवार को मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर इतिहास रच डाला है, तो आइए जानते हैं, इस अभियान से जुड़ी खास बातें...
- ndtv.in
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असंभव को संभव करने की आदत पड़ गई है हमारे वैज्ञानिकों को : पीएम नरेंद्र मोदी
- Wednesday September 24, 2014
- NDTVIndia
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक पहली ही कोशिश में कामयाब हुए और हमने सफल मंगलयान के जरिये इंसानी कल्पना से परे काम करके दिखाया है। पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि हॉलीवुड फिल्मों से भी कम बजट में इस मिशन की सफलता अपने आप में इतिहास है।
- ndtv.in
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भारत के लिए ऐतिहासिक दिन, मंगलयान ने मंगल की कक्षा में प्रवेश किया, पीएम ने दी बधाई
- Wednesday September 24, 2014
- From NDTV India
इसरो के इस ऐतिहासिक मिशन के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने के लिए वह बेंगलुरु में इसरो के सेंटर में मौजूद थे। उन्होंने तालियां बजाकर वैज्ञानिकों को बधाई दी।
- ndtv.in
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दुनियाभर में सबसे सस्ता मंगल मिशन है भारतीय मंगलयान...
- Tuesday September 23, 2014
- Pallava Bagla
भारतीय मंगलयान दुनिया का सबसे सस्ता अंतर-ग्रही मिशन है, और इसकी औसत लागत प्रति भारतीय चार रुपये से भी कम रही है, यानि सिर्फ 450 करोड़ रुपये, सो, अब भारत नया उदाहरण पेश करते हुए तेज़, सस्ते और सफल अंतर-ग्रही मिशनों की नींव डाल रहा है...
- ndtv.in
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मार्स पर मिला इतना पानी कि भर जाएं 60 ओलंपिक स्विमिंग पूल, नई डिस्कवरी में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे
- Tuesday June 11, 2024
- Edited by: शालिनी सेंगर
पानी की ये पतली सी लेयर मार्स के बहुत बड़े एरिया में फैली है, जिसे देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये करीब 1,50,000 टन पानी होगा, जो पृथ्वी पर 60 ओलंपिक साइज स्विमिंग पूल के बराबर हो सकता है.
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अंतरिक्ष में नहीं बल्कि धरती पर इस जगह है Aliens का ठिकाना, NASA के एक्स रिसर्चर का चौंकाने वाला दावा
- Sunday December 24, 2023
- Written by: शालिनी सेंगर
एलियंस सच में होते हैं या नहीं इस पर से तो अब तक पर्दा नहीं उठा है, लेकिन नासा के एक वैज्ञानिक ने हाल ही में एलियंस को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा जरूर किया है.
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"मंगल ग्रह पर बहता था पानी, बसता था जीवन", New Study के ये रहे चौंकाने वाले नतीजे...
- Wednesday June 29, 2022
- Edited by: वर्तिका
मंगल ग्रह (Mars) की गहरी खाइयों में चिकनी मिट्टी (Clay) है जो करीब 200 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली है. वैज्ञानिकों ने बताया कि इससे पता चलता है कि लैडॉन वैलेस और लैडॉन बेसिन में एक बड़ी झील थी. - नई रिसर्च
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मंगलयान-2 एक 'ऑर्बिटर' अभियान होगा : ISRO प्रमुख के. सिवन
- Saturday February 20, 2021
- Reported by: भाषा
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के रोवर ‘पर्सिवियरन्स’ के शुक्रवार तड़के मंगल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन (ISRO) के प्रमुख के. सिवन (K Sivan) ने देर शाम कहा कि ‘लाल ग्रह’ के लिए भारत का मंगलयान-2 एक ‘ऑर्बिटर’ होने की संभावना है. इसरो प्रमुख ने मंगलयान-2 के लिए कोई सटीक समय सीमा नहीं बताई. हालांकि, उन्होंने कहा कि मंगल ग्रह पर भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का अगला अभियान चंद्रयान-3 के बाद भेजा जाएगा.
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तीन साल पहले मंगल की कक्षा में पहुंचा था मंगलयान, इसरो ने जारी किए आंकड़े
- Tuesday September 26, 2017
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मंगल की कक्षा में भारत का मंगलयान पहुंचने की ऐतिहासिक घटना को सोमवार को तीन साल पूरे हो गये. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा, ‘देश के कम लागत वाले मंगलयान मिशन को लाल ग्रह की कक्षा में पहुंचे तीन साल पूरे हो गये हैं.
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मंगल ग्रह पर मिला करोड़ों साल पुराना बर्फ का विशालकाय खंड
- Sunday September 13, 2015
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शोधकर्ताओं ने मंगल की सतह के नीचे बर्फ के बड़े शिलाखंड का पता लगाया है जो 130 फुट मोटा है और कैलिफोर्निया व टेक्सास जितने बड़े इलाके में फैला हुआ है। वैज्ञानिकों ने कहा कि मंगल पर करोड़ों साल पहले हुए हिमपात के कारण यह शिलाखंड बना है।
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क्रिकेट की किसी जीत से हजार गुना बड़ी है मंगल अभियान की उपलब्धि : मोदी
- Wednesday September 24, 2014
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वैज्ञानिकों की उपलिब्ध को किसी क्रिकेट टूर्नामेंट की जीत से हजार गुना बड़ा बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर स्कूल और कॉलेज के छात्रों से कहा कि मंगल अभियान की कामयाबी पर वह कम से कम पांच मिनट तालियां बजाकर इन वैज्ञानिकों की सराहना करें।
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मंगलयान की ऐतिहासिक कामयाबी की 10 अहम बातें
- Wednesday September 24, 2014
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किसी ने नहीं सोचा था कि सबसे बाद में कोशिश करने वाला भारत अपने पहले ही प्रयास में कामयाबी के झंडे गाड़ देगा। भारतीय मंगलयान ने बुधवार को मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर इतिहास रच डाला है, तो आइए जानते हैं, इस अभियान से जुड़ी खास बातें...
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असंभव को संभव करने की आदत पड़ गई है हमारे वैज्ञानिकों को : पीएम नरेंद्र मोदी
- Wednesday September 24, 2014
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प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक पहली ही कोशिश में कामयाब हुए और हमने सफल मंगलयान के जरिये इंसानी कल्पना से परे काम करके दिखाया है। पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि हॉलीवुड फिल्मों से भी कम बजट में इस मिशन की सफलता अपने आप में इतिहास है।
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भारत के लिए ऐतिहासिक दिन, मंगलयान ने मंगल की कक्षा में प्रवेश किया, पीएम ने दी बधाई
- Wednesday September 24, 2014
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इसरो के इस ऐतिहासिक मिशन के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने के लिए वह बेंगलुरु में इसरो के सेंटर में मौजूद थे। उन्होंने तालियां बजाकर वैज्ञानिकों को बधाई दी।
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दुनियाभर में सबसे सस्ता मंगल मिशन है भारतीय मंगलयान...
- Tuesday September 23, 2014
- Pallava Bagla
भारतीय मंगलयान दुनिया का सबसे सस्ता अंतर-ग्रही मिशन है, और इसकी औसत लागत प्रति भारतीय चार रुपये से भी कम रही है, यानि सिर्फ 450 करोड़ रुपये, सो, अब भारत नया उदाहरण पेश करते हुए तेज़, सस्ते और सफल अंतर-ग्रही मिशनों की नींव डाल रहा है...
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