विज्ञापन
This Article is From Feb 23, 2012

...तो भूलवश नकार दी गई थी ‘आइंस्टीन की थ्योरी’

...तो भूलवश नकार दी गई थी ‘आइंस्टीन की थ्योरी’
वाशिंगटन: पिछले वर्ष एक प्रयोग में यह बात सामने आई थी कि कुछ कण प्रकाश की गति से भी तेज चलने में सक्षम हैं, जिससे मशहूर वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन की ‘थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी’ को नकारे जाने के संकेत मिले थे। पर अब एक अमेरिकी जर्नल ने इस बात का खुलासा किया है कि प्रयोग में कुछ तकनीकी खामी के कारण ऐसे परिणाम सामने आए थे।

‘साइंस’ जर्नल की रिपोर्ट में प्रयोग से जुड़े लोगों का हवाला देते हुए कहा गया है कि जीपीएस यूनिट और कंप्यूटर के बीच विद्युत तारों के गलत जुड़ाव के कारण ऐसा हुआ।

शुरुआती रिपोर्ट से विज्ञान जगत में कौतूहल और संशय का माहौल बन गया था, क्योंकि इन परिणामों से आइंस्टीन की थ्योरी का खंडन हो रहा था। स्विटजरलैंड की संस्था ‘सर्न’ ने उस समय कहा था कि प्रयोग के दौरान न्यूट्रीनो नाम के कण तय दूरी पर प्रकाश के कणों से 2.3 मिलीसेकंड पहले पहुंचे थे।

अब साइंस जर्नल का कहना है कि समय में यह अंतर तारों की गड़बड़ी के चलते आया है। तारों को ठीक करने पर इस गड़बड़ी का पता चला है। हालांकि जर्नल ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस प्रयोग को सिद्ध करने के लिए दोबारा प्रयोग किए जाने हैं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी, आइंस्टीन, CERN Experiment, Einstein Theory Of Relativity, Neutrinos Experiment, Speed Of Light, सर्न का प्रयोग, प्रकाश की गति
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com