बंदरों के आतंक से परेशान ग्रामीणों को सूझी यह तरकीब, भालू की ड्रेस पहन बंदरों को भगाया

शाहजहांपुर के सिकंदरपुर अफगान गांव के लोग पिछले एक दशक से बंदरों के आतंक से जूझ रहे हैं.

बंदरों के आतंक से परेशान ग्रामीणों को सूझी यह तरकीब, भालू की ड्रेस पहन बंदरों को भगाया

भालू की ड्रेस पहनकर गांव वाले बंदरों को भगा रहे हैं (प्रतीकात्मक तस्वीर).

खास बातें

  • यूपी में ग्रामीणों ने भालू की ड्रेस पहन बंदरों को भगाया
  • बंदरों के आतंक से परेशान थे ग्रामीण
  • गांव वालों की यह तरकीब काम भी कर रही है
लखनऊ:

बंदरों के आतंक से परेशान जिले के बाशिंदे अब भालू की ड्रेस पहनकर गांव में घूम-घूम कर बंदरों को भगा रहे हैं. अच्छी बात यह है कि ग्रामीणों का यह प्रयोग सफल होता दिख रहा है. शाहजहांपुर के सिकंदरपुर अफगान गांव के लोग पिछले एक दशक से बंदरों के आतंक से जूझ रहे हैं. ग्रामीण इससे इतना परेशान हो चुके हैं कि उन्होंने तहसील दिवस में बंदरों की समस्या प्रशासन के सामने रखी लेकिन प्रशासन ने उसे कोई तवज्जो नहीं दी. ग्रामीणों का कहना है कि बंदर हमारी खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद कर देते हैं, घरों में रखा खाने-पीने का सामान उठाकर ले जाते हैं, बच्चों को काट लेते हैं. इतना ही नहीं पिछले पांच साल में बंदरों के डर से छत से गिरकर दो महिलाओं की मौत भी हो चुकी है.

'जितना बजाओगे हॉर्न, उतना ही करना पड़ेगा इंतजार', ध्वनि प्रदूषण पर रोक के लिए मुंबई पुलिस की अनोखी पहल

उन्होंने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए हमने भालू की पोशाक बनवाई जिसे पहनकर दो युवक पूरे गांव में घूम-घूम कर बंदरों को भगा रहे हैं. ग्रामीण अशोक कुशवाहा ने बताया कि उन्होंने एक साल पहले अधिकारियों से मिलकर अपनी समस्या बतायी थी. उस वक्त वन विभाग की एक टीम गांव में आई थी. उन्होंने मथुरा की एक फर्म से बंदर पकड़ने की बात ग्रामीणों से कराई, लेकिन वे प्रत्येक बंदर के लिए 300 रुपये मांग रहे थे. बंदरों की तादाद ज्यादा होने के कारण बात नहीं बन पाई.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

MS Dhoni का होटल रूम में वीडियो रिकॉर्ड कर रही थीं पत्नी साक्षी, बोले- 'अपने फायदे के लिए...' देखें Video

जिला वन अधिकारी आदर्श कुमार ने बताया कि बंदरों को कोई पकड़ नहीं रहा है. वे लोग केवल भालू की पोशाक पहनकर बंदरों को भगा रहे हैं. हाल में उनके पास बंदरों को लेकर कोई शिकायत नहीं आई है. यदि ग्रामीण कोई शिकायत करते हैं तो बंदरों को पकड़ने की अनुमति दी जाएगी.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)