किसी जमाने में प्लम्बर (नलसाज) के तौर पर गुजर-बसर करने वाले विजय सांपला का जीवन कड़े संघर्ष की कहानी है, जिन्हें नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
सांपला को पंजाब में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, जहां बीजेपी अनुसूचित जाति समुदाय को अपनी ओर खींचना चाहती है।
शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल के बाद 53-वर्षीय दलित नेता विजय सांपला पंजाब से केंद्रीय मंत्री बनने वाले दूसरे नेता हैं। सांपला ने पंजाब की होशियारपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था।
बीजेपी ने वर्ष 2012 का पंजाब विधानसभा का चुनाव मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अगुवाई में शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर लड़ा था, लेकिन पड़ोसी राज्य हरियाणा में विधानसभा चुनाव में मिली शानदार सफलता से ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि बीजेपी पंजाब में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने या फिर अकेले दम मैदान में उतरने की योजना बना सकती है।
सांपला मैट्रिक पास हैं और सालों पहले वह खाड़ी देश में प्लम्बर के रूप में काम कर चुके हैं। बाद में पंजाब आकर उन्होंने अपना कारोबार शुरू किया था। सांपला के राजनीतिक करियर की शुरुआत अपने गांव का सरपंच चुने जाने के बाद हुई और वह राज्य बीजेपी यूनिट में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं।
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