भारतीय मूल के शोधकर्ताओं ने काफी हद तक सटीक वीडियो कैमरा आधारित प्रणाली का इजाद किया है, जो त्वचा के रंग में बेहद मामूली बदलाव का विश्लेषण कर व्यक्ति के अहम स्वास्थ्य लक्षणों पर नजर रख सकती है।
राइस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित डिस्टेंस पीपीजी नामक नई प्रणाली मरीज के महत्वपूर्ण जैविक लक्षणों पर नजर रखती है। वह त्वचा के रंग में बदलाव का विश्लेषण कर मरीज की नाड़ी और श्वासगति माप सकती है।
जहां अन्य कैमरा आधारित प्रणालियों के सामने निम्नरोशनी स्थिति, काली त्वचा टोन और गति जैसी बाधाएं आती हैं, वहीं डिस्टेंस पीपीजी एल्गोरिदम पर निर्भर करती है, जो इन चराचरों को लेकर जरूरी सुधार करता है।
राइस स्नातक मयंक कुमार और प्रोफेसर अशोक वीरराघवन एवं आशुतोष सभरवाल की टीम ने यह प्रणाली तैयार की है जो डाक्टरों को दूर से मरीज की बीमारी का पता लगाने मदद करती है।
परियोजना के अगुवा कुमार ने कहा कि डिस्टेंस पीपीजी पूर्ण रूप से नहीं विकसित उन शिशुओं की निगरानी में मददगार होगी, जिनके शरीर पर ब्लड प्रेशर आदि की जांच के लिए तार लपेट दिए जाते हैं और जो खतरनाक हो सकते हैं।
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