प्रतीकात्मक तस्वीर
संयुक्त राष्ट्र:
वर्तमान में दक्षिणी सूडान में शांतिरक्षक के तौर पर तैनात भारतीय सेना के दो अधिकारी उस दल का हिस्सा है जो इस महाद्वीप में शांति और स्थिरता बनाए रखने के संदेश को प्रसारित करने के लिए अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो की चढ़ाई करेंगे।
कर्नल दिपिंदर विर्क के नेतृत्व वाली टीम में मेजर विकास कुमार और रोमानिया के मेजर लिवियु चेंडे हैं। दल के क्रिसमस के दिन 19,340 फुट की इस चोटी को फतह करने की उम्मीद है। विश्व निकाय और दक्षिणी सूडान स्थित मिशन द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के अनुसार इस महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचकर तीनों लोग संयुक्त राष्ट्र का झंडा फहराएंगे और शांति के संदेश को प्रसारित करेंगे।
विर्क ने कहा कि उनकी यह यात्रा अफ्रीका और मुख्य तौर पर दक्षिणी सूडान में शांति और स्थिरता लाने के संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों की प्रतीक है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सीमाओं के बारे में नहीं सोचते, हम यहां महाद्वीप की शांति के लिए हैं। यदि दक्षिणी सूडान में शांति आती है तो यह सारे अफ्रीका के निवासियों के प्रयास से आनी चाहिए।’’
कर्नल दिपिंदर विर्क के नेतृत्व वाली टीम में मेजर विकास कुमार और रोमानिया के मेजर लिवियु चेंडे हैं। दल के क्रिसमस के दिन 19,340 फुट की इस चोटी को फतह करने की उम्मीद है। विश्व निकाय और दक्षिणी सूडान स्थित मिशन द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के अनुसार इस महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचकर तीनों लोग संयुक्त राष्ट्र का झंडा फहराएंगे और शांति के संदेश को प्रसारित करेंगे।
विर्क ने कहा कि उनकी यह यात्रा अफ्रीका और मुख्य तौर पर दक्षिणी सूडान में शांति और स्थिरता लाने के संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों की प्रतीक है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सीमाओं के बारे में नहीं सोचते, हम यहां महाद्वीप की शांति के लिए हैं। यदि दक्षिणी सूडान में शांति आती है तो यह सारे अफ्रीका के निवासियों के प्रयास से आनी चाहिए।’’
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