प्रतिभा पुंडीर सेंगर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश देने के लिए अंबाला से आगरा तक पदयात्रा कर रही हैं.
नई दिल्ली:
देश की बेटियों की खातिर 36 साल की प्रतिभा पुंडीर सेंगर अंबाला से आगरा तक का पदयात्रा कर रही हैं. वे 23 दिसम्बर को दिल्ली पहुंचेंगी और फिर यहां से आगरा जाएंगी. 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' के संदेश को और प्रभावी बनाने और बेटियों के अधिकारों के लिए प्रतिभा 19 दिसम्बर को अम्बाला से निकली थीं.
प्रतिभा इससे पहले अंबाला से दिल्ली और अंबाला से चंडीगढ़ की यात्राएं भी कर चुकी हैं. प्रतिभा के पति मनीष सेंगर आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं और इन दिनों उत्तर-पूर्वी भारत में तैनात हैं. अपनी पत्नी को सपोर्ट करने के लिए मनीष इन दिनों छुट्टी लेकर उनके साथ हैं. शुरू से कुछ कर गुजरने की चाह रखने वालीं प्रतिभा मूल रूप से सहारनपुर की रहने वाली हैं और पेशे से टेक्सटाइल डिज़ाइनर हैं.
प्रतिभा के मुताबिक लंबे समय से वे अंबाला कैंट में अपने नौ साल के बेटे और साढ़े तीन साल की बेटी के साथ अकेली रह रहीं हैं. प्रतिभा का कहना है कि दोनों बच्चों की देखभाल करने के अलावा जो समय मिलता था उसमें गॉसिप करने के बजाय उन्होंने दौड़ लगाना शुरू किया. वे करीब तीन साल से हर रोज़ दौड़ती हैं. इन दिनों वे रोज 12 किलोमीटर दौड़ती हैं.
प्रतिभा ने हाल ही में सेना के जवानों का मनोबल बढ़ाने और बेटियों की खातिर अंबाला से चंडीगढ़ और अंबाला से दिल्ली का पैदल सफर किया था.
VIDEO : खेत में काम करने को मजबूर दिव्या
आगरा यात्रा में उनके आगे कार में उनके बच्चे और पति भी हैं. प्रतिभा की मुहिम को उनके पति के साथ-साथ सेना की भी मदद मिल रही है. वे रास्ते में लोगों से बात भी कर रही है.
प्रतिभा इससे पहले अंबाला से दिल्ली और अंबाला से चंडीगढ़ की यात्राएं भी कर चुकी हैं. प्रतिभा के पति मनीष सेंगर आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं और इन दिनों उत्तर-पूर्वी भारत में तैनात हैं. अपनी पत्नी को सपोर्ट करने के लिए मनीष इन दिनों छुट्टी लेकर उनके साथ हैं. शुरू से कुछ कर गुजरने की चाह रखने वालीं प्रतिभा मूल रूप से सहारनपुर की रहने वाली हैं और पेशे से टेक्सटाइल डिज़ाइनर हैं.
प्रतिभा के मुताबिक लंबे समय से वे अंबाला कैंट में अपने नौ साल के बेटे और साढ़े तीन साल की बेटी के साथ अकेली रह रहीं हैं. प्रतिभा का कहना है कि दोनों बच्चों की देखभाल करने के अलावा जो समय मिलता था उसमें गॉसिप करने के बजाय उन्होंने दौड़ लगाना शुरू किया. वे करीब तीन साल से हर रोज़ दौड़ती हैं. इन दिनों वे रोज 12 किलोमीटर दौड़ती हैं.
प्रतिभा ने हाल ही में सेना के जवानों का मनोबल बढ़ाने और बेटियों की खातिर अंबाला से चंडीगढ़ और अंबाला से दिल्ली का पैदल सफर किया था.
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आगरा यात्रा में उनके आगे कार में उनके बच्चे और पति भी हैं. प्रतिभा की मुहिम को उनके पति के साथ-साथ सेना की भी मदद मिल रही है. वे रास्ते में लोगों से बात भी कर रही है.
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