आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) आज उद्योग की दुनिया में एक बड़ा नाम है, लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि महिंद्रा समूह के अध्यक्ष (Chairman of Mahindra Group) कभी एक फिल्म निर्माता (filmmaker) बनने की इच्छा रखते थे. आनंद महिंद्रा ने हाल ही में ट्विटर पर अपनी एक थ्रोबैक फोटो (throwback photo) शेयर करते हुए खुलासा किया कि उन्होंने कॉलेज में फिल्म निर्माण की पढ़ाई की थी. ब्लैक एंड व्हाइट फोटो में एक युवा आनंद महिंद्रा को हाथ में 16 मिमी कैमरे को पकड़े हुए दिखाया गया है. उद्योगपति ने खुलासा किया, इसे कई साल पहले मध्य प्रदेश के इंदौर के पास एक दूरदराज के गांव में लिया गया था.
फिल्म निर्माण का विषय तब सामने आया जब एक ट्विटर यूजर ने आनंद महिंद्रा से पूछा कि "स्कूल/कॉलेज के दिनों में उनकी महत्वाकांक्षा" क्या रहती थी.
उन्होंने जवाब दिया, "इसका जवाब देना आसान है. मैं एक फिल्म निर्माता बनना चाहता था और कॉलेज में फिल्म की पढ़ाई की." उन्होंने आगे खुलासा किया, "मेरी थीसिस एक फिल्म थी जिसे मैंने '77 कुंभ मेले में बनाया था."
खुद शेयर की गई थ्रोबैक तस्वीर के बारे में उन्होंने आगे लिखा: "यह तस्वीर इंदौर के पास एक दूरदराज के गांव में एक डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग के दौरान की थी. किसी के लिए भी यह अनुमान लगा पाना मुश्किल है कि मैं किस हाथ में 16 मिमी कैमरे का उपयोग कर रहा था?"
Easy to answer this. I wanted to be a filmmaker & was studied film in college. My thesis was a film I made at the ‘77 Kumbh Mela. But this pic was while shooting a documentary in a remote village near Indore. Anyone old enough to guess which handheld 16mm camera I was using? https://t.co/xmLuuLrv3A pic.twitter.com/oKCddQFyGf
— anand mahindra (@anandmahindra) January 20, 2022
आनंद महिंद्रा ने अक्सर सिनेमा के प्रति अपने प्यार के बारे में बताया है. 2017 में, उन्होंने ट्विटर पर बताया कि कुंभ मेले में अपनी थीसिस फिल्म की शूटिंग "एक मौलिक अनुभव था जिसने मुझे समझाया कि भारतीय होना एक सार्वभौमिक संगम का हिस्सा था."
As a student of filmmaking in college, my thesis film was shot at the Mahakumbh in Allahabad, 1977. It was a seminal experience that made me understand that being Indian was being part of a universal confluence. So appropriate that it has been recognised as a treasure of Humanity https://t.co/mTuQVNNatV
— anand mahindra (@anandmahindra) December 8, 2017
महिंद्रा एवरीडे पत्रिका (Mahindra Everyday magazine) में प्रकाशित 2014 के एक साक्षात्कार में, आनंद महिंद्रा ने यह भी कहा था कि फिल्मों के लिए उनका प्यार बचपन में वापस चला गया. उन्होंने कहा, "लोग अक्सर मुझसे पूछते हैं कि मैंने फिल्म निर्माण को क्यों चुना. मैं हमेशा एक गैर-अनुरूपतावादी रहा हूं और एक मायने में, मैं अपनी परिस्थितियों के खिलाफ लड़ रहा था." "फिल्म मेरे लिए यह साबित करने का एक मौका थी कि मैं अपनी खुद की जगह बना सकता हूं और यह एक ऐसी चीज है जिसने मुझे अपनी जन्मजात क्षमताओं में बहुत विश्वास दिलाया है और मुझे जीवन में अच्छी जगह पर खड़ा किया है."
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