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This Article is From Mar 16, 2023

आखिर सुबह होते ही अचानक Zombie की तरह क्यों चलने लगते हैं इस देश के स्कूली बच्चे?

Zombie on Road: हाल ही में कुछ स्कूली बच्चों को जॉम्बी की तरह सड़कों पर रेंगते हुए देखा गया है, जिनकी तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर हर किसी के होश उड़ा रही है. आपको इसके पीछे की वजह जानकारी हैरानी होगी, जो इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है.

आखिर सुबह होते ही अचानक Zombie की तरह क्यों चलने लगते हैं इस देश के स्कूली बच्चे?

School Class Timing: आपने हॉलीवुड या फिर ऐसी कोरियन फिल्में और वेबसीरीज तो देखी ही होंगी, जिसमें सड़कों पर टहलते जॉम्बी दिखाई देते हैं, लेकिन असलियत एक ऐसा ही नजारा सोशल मीडिया पर लोगों के होश उड़ा रहा है. हाल ही में कुछ स्कूली बच्चों को जॉम्बी की तरह सड़कों पर रेंगते हुए देखा गया है. दरअसल, इंडोनेशिया के सुदूर पूर्व के एक शहर में इस अभियान को शुरू किया गया है, जिसके चलते एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है.

सुबह जल्दी उठना ज्यादातर लोगों को बड़ा मुश्किल भरा काम लगता है, लेकिन सुबह उठने के अपने कुछ फायदे होते हैं. यूं तो कुछ लोग दफ्तर के लिए, तो कुछ स्कूल के लिए सुबह जल्दी उठकर तैयारी में लग जाते हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों के साथ होती है, जिनको सुबह जल्दी उठकर स्कूल के लिए भागना होता है, लेकिन जरा सोचिए अगर बच्चों को सुबह साढ़े पांच बजे स्कूल बुलाया जाए तो क्या होगा? 

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इंडोनेशिया के सुदूर पूर्व में स्थित एक शहर में तड़के सुबह बच्चों को सड़कों पर बेमन से जॉम्बी की तरह नींद में रेंगते हुए देखा जा सकता है. वायरल हो रही तस्वीरों में देखा जा सकता है कि, कैसे ये बच्चे नींद में ही स्कूल की तरफ जाते दिखाई दे रहे हैं. वहीं दूसरी ओर अंधेरे में जॉम्बी की तरह नींद में बच्चों का स्कूल जाना उनके माता-पिता के लिए परेशानी का सबब बन गया है. दरअसल, ये बच्चे एक विवादास्पद पायलट प्रोजेक्ट के तहत 5:30 बजे ही अंधेरे में स्कूल जाने को मजबूर हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन दिनों इंडोनेशिया के सुदूर पूर्व में स्थित एक शहर में 'Dawn School Trial' चल रहा है, जिसके चलते बच्चे सड़कों पर जॉम्बी की तरह चलते नजर आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि, नुसा तेंगारा प्रांत की राजधानी कुपांग में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 10 हाई स्कूलों में 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स को सुबह 5:30 बजे स्कूल बुलाया जा रहा है. वहीं अंधेरे में इतनी सुबह बच्चों के स्कूल के समय को लेकर पैरेंट्स भी काफी नाराजगी जता रहे हैं. माता-पिता के अनुसार, जब बच्चे स्कूल से आते हैं तो थका हुआ महसूस करते हैं.

अधिकारियों के मुताबिक, इस योजना की घोषणा पिछले महीने गवर्नर विक्टर लाईस्कोदत ने की थी, जिसमें उनका कहना था कि, इससे बच्चों में अनुशासन को मजबूत किया जा सकता है.

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