9 साल के ये जुड़वां भाई-बहन ऑस्ट्रेलियन प्रतियोगिता में मचा रहे धूम!

9 साल के ये जुड़वां भाई-बहन ऑस्ट्रेलियन प्रतियोगिता में मचा रहे धूम!

हर्पित और हर्पिता.. जिन्हें याद हैं 50 हजार शब्द

चेन्नई:

तमिलनाडु के ये दोनों बच्चे जुड़वां हैं। 9 साल की उम्र के इन दोनों बच्चों के बारे में खास बात यह है कि इनके पास करीब 50 हजार शब्द की वॉकेबलरी (शब्दकोश) है जिसे उन्होंने खुद 'तैयार' किया है। यानी, कि इन दोनों बच्चों को अंग्रेजी के 50 हजार शब्द न सिर्फ याद हैं, बल्कि उनका उच्चारण और परिभाषा भी याद है! अपनी इस काबिलियत का इस्तेमाल इन्होंने बखूबी किया और ग्रेटऑस्ट्रेलियन स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में भाग भी ले लिया। अब ये दोनों इस प्रतियोगिता में कइयों को पछाड़ते हुए टॉप 12 प्रतियोगियों की सूची में आ गए हैं। दो हफ्ते के अंदर प्रतियोगिता का फाइनल राउंड होना है।

तीसरी क्लास में पढ़ते हैं दोनों जुड़वां भाई बहन...

हर्पिता और हर्पित नाम के दोनों जुड़वां भाई बहन तीसरी क्लास में पढ़ते हैं। ये दोनों न सिर्फ स्पेलिंग्स में अच्छे हैं बल्कि उनका कॉन्फिडेंस भी गजब का है। अपने एटिट्यूड के बल पर ही उन्होंने अपने कई प्रशंसक बना लिए हैं। ऑस्ट्रेलिया के चैनल 10 ने दोनों भाई बहनों का एक वीडियो प्रोमो भी तैयार किया है जिसमें वे एक दूसरे के लिए प्रतियोगी दिखाए गए हैं।

कैसे शुरू हुआ यह शौक, और क्या किया इसके लिए

दोनों बच्चे डॉक्टर बनना चाहते हैं और असहाय लोगों को मुफ्त मदद देना चाहते हैं। उनका दावा है कि उन्होंने अपनी शब्दावली कुछ ही साल में तैयार की है। कहती हैं हर्पिता- पैरंट्स रात को सोते में कहानी सुनाते थे, तब से हममें शब्दों और उनकी स्पेलिंग्स को लेकर रुचि जग गई। हम कोई शब्द कैसे बना और उसका मतलब क्या है, जानकर उन्हें कैटिगराइज करने लगे और उच्चारण के साथ लिखने लगे। जैसे कि, ज्यादातर फ्रेंच शब्दों के अंत में ette है।

दोनों के फेवरिट शब्द हैं एकदम अलहदा से!

उनसे उनका फेवरिट लेकिन लंबा शब्द पूछा गया तो हर्पित ने कहा-"Floccinaucinihilipilification"। हर्पिता का फेवरिट शब्द है cafune' जिसका मतलब (कुछ डिक्शनरी के मुताबिक) हुआ, अपने प्रिय शख्स के बालों में उंगली फिराना...।

बच्चों के नाम दोनों का संदेश...

स्पेलिंग्स में महारत हासिल करना चाहते वालों के लिए हर्पिता का मेसेज है- शब्दों को रटना बंद करें, उन्हें पैशन और कॉन्फिडेंट के साथ याद रखें।

बच्चों के माता पिता को है नाज...

तमिलनाडु के वैल्लोर जिले के उनके माता पिता 2007 में ऑस्ट्रेलिया जा बसे थे। बच्चों के पिता पांडियन अन्नामलाई सॉफ्टेवयर इंजिनियर हैं और कहते हैं- बच्चों को आजादी दो और स्वतंत्र तरीके से उन्हें खुद सीखने देने में मदद करो।

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बच्चों की मां लक्षमी प्रिया फिजियोथेरेपिस्ट हैं और कहती हैं- हमने दोनों में से किसी पर भी परफॉर्मेंस का प्रेशर नहीं डाला। वो दोनों स्पेलिंग प्रैक्टिस में महज दिन का आधा घंटा देते हैं।