नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस परेड में आज 16 राज्यों और कुछ सरकारी विभागों की रंगबिरंगी झांकियों ने राजपथ पर देश की सांस्कृतिक विरासत को साकार करने के साथ ही देशभर में सरकार द्वारा चलाए जा रहे विविध कार्यक्रमों की बानगी पेश की।
झांकियों में कर्नाटक के चन्नापटना खिलौनों से लेकर जम्मू-कश्मीर का लोकनृत्य तक शामिल था, जिनके जरिये देश की सांस्कृतिक विरासत और जैवविविधता का प्रदर्शन किया गया।
66वें गणतंत्र दिवस के लिए विशेष रूप से सजाए गए राजपथ पर झांकियों के कारवां की शुरुआत कर्नाटक की झांकी से हुई, जिसमें लकड़ी के रंग-बिरंगे चन्नापटना खिलौने दिखाए गए थे। इसके बाद आंध्र प्रदेश की झांकी में मकर संक्रांति उत्सवों की रौनक दिखाई गई थी।
असम की झांकी का मूल विषय मजौली था। उत्तर प्रदेश की झांकी वाजिद अली शाह पर केंद्रित थी। इस झांकी में सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया गया।
गुजरात की झांकी सरदार सरोवर परियोजना और स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी को ध्यान में रखकर बनाई गई थी। अरुणाचल प्रदेश की झांकी में वहां की इदु मिशमी जनजाति के इगु डांस को प्रदर्शित किया गया था।
औद्योगिक उत्पादन और प्रसार विभाग ने मोदी की महत्वाकांक्षी 'मेक इन इंडिया' योजना को अपनी झांकी का आधार बनाया, तो सीपीडब्ल्यूडी ने अपनी झांकी मां गंगा को समर्पित की। इसी तरह वित्तीय सेवा विभाग ने 'जन धन योजना' को मूल विषय के रूप में रखकर झांकी का निर्माण किया।
कानून और विधि मंत्रालय ने 'वॉक ऑफ जस्टिस' के मूल विषय के साथ लोक अदालत का प्रदर्शन किया। इस वर्ष की परेड में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गोवा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, असम, झारखंड, सिक्किम, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गुजरात ने अपनी झांकियां पेश कीं। पिछले वर्ष पश्चिम बंगाल की झांकी को सर्वश्रेष्ठ झांकी का खिताब दिया गया था।
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