स्वच्छ सर्वेक्षण लीग 2020 की पहली दो तिमाही के स्वच्छ सर्वेक्षण में इंदौर, देश के चार हजार से अधिक शहरी निकायों में अव्वल रहा है. आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंप पुरी ने मंगलवार को स्वच्छ सर्वेक्षण लीग 2020 के परिणाम घोषित करते हुये बताया कि 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के वर्ग में अप्रैल से जून 2019 की पहली तिमाही में शीर्ष तीन स्थान पर इंदौर, भोपाल और सूरत शहरों का प्रदर्शन स्वच्छता मानकों पर सर्वश्रेष्ठ रहा. वहीं, दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर 2019) में भी इंदौर पहले स्थान पर रहा, जबकि दूसरे स्थान पर गुजरात का राजकोट और महाराष्ट्र का नवी मुंबई तीसरे स्थान पर रहा.दूसरी तिमाही में भोपाल, दूसरे स्थान से फिसलकर पांचवें स्थान पर पहुंच गया. उल्लेखनीय है कि इस साल स्वच्छ सर्वेक्षण में 4273 शहरी निकायों ने हिस्सेदारी की थी. सर्वेक्षण के परिणामों की घोषणा के समय मौजूद आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण में अब तक हिस्सा नहीं ले रहे पश्चिम बंगाल ने भी अगले साल होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण में हिस्सा लेने आश्वासन दिया है.
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मिश्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के साथ कई दौर की बैठकों के बाद वह राज्य सरकार को यह समझाने में कामयाब रहे हैं कि सर्वेक्षण में भागीदारी करने से राज्य के शहरों का लाभ होगा. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव ने आश्वस्त किया है कि पश्चिम बंगाल के शहर आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण में हिस्सा लेंगे. इस दौरान पुरी ने अगले स्वच्छ सर्वेक्षण की औपचारिक शुरुआत करते हुये कहा कि उसमें अप्रैल से जून तक की पहली तिमाही के लिये आगामी चार जनवरी से सर्वेक्षण का काम शुरु हो जायेगा. उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण में 4276 शहरी निकाय हिस्सा ले रहे हैं. सर्वेक्षण के लिये तृतीय पक्षकार प्रतिभागी स्थानीय निकायों में औचक निरीक्षण के लिये जायेंगे.
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सर्वेक्षण में अन्य वर्ग के शहरों के परिणामों को घोषित करते हुये मिश्रा ने बताया कि एक से 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों में 2019 की पहली तिमाही में जमशेदपुर पहले स्थान पर, नयी दिल्ली पालिका परिषद् क्षेत्र (एनडीएमसी) दूसरे और खरगौन (मध्य प्रदेश) तीसरे स्थान पर रहा, जबकि दूसरी तिमाही में भी जमशेदपुर और खरगौन ने अपना पहला और तीसरा स्थान बरकरार रखा और महाराष्ट्र का चंद्रपुर दूसरे स्थान पर रहा. इस तिमाही में नयी दिल्ली क्षेत्र छठे स्थान पर आ गया.
सर्वेक्षण में एक लाख से 50 हजार और 25 से 50 हजार तक की आबादी वाले शहरों के वर्ग और क्षेत्रीय आधार पर किये गये सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ के छोटे शहरों का दबदबा कायम रहा. सर्वेक्षण में किसी वर्ग में पहले पायदान पर रहने वाला उत्तर प्रदेश का एकमात्र शहर गजरौला रहा. गजरौला, 50 हजार से एक लाख तक की आबादी वाले वर्ग में इस साल दूसरी तिमाही में पहले स्थान पर रहा.
इसके अलावा छावनी क्षेत्र वर्ग में पहली तिमाही में तमिलनाडु के सेंट थॉमस माउन्ट छावनी और दूसरी तिमाही में दिल्ली छावनी बोर्ड क्षेत्र पहले स्थान पर रहे. स्वच्छ सर्वेक्षण में दिल्ली के अन्य स्थानीय निकायों का रिपोर्ट बेहतर नहीं रहा. अप्रैल से जून तक की पहली तिमाही दस लाख से अधिक आबादी वाले वर्ग में शामिल 49 शहरों में दक्षिणी दिल्ली 47वें स्थान पर थी, जबकि उत्तरी दिल्ली 44वें और पूर्वी दिल्ली ने 42वें स्थान पर रही. जुलाई से सितंबर तक की दूसरी तिमाही में तीनों निकायों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. इसमें उत्तर दिल्ली नगर निगम 45वें, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम 40वें और पूर्वी दिल्ली नगर निगम 39वें स्थान पर रहा.
उत्तर प्रदेश और बिहार के बारे में मिश्रा ने बताया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट में दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के वर्ग में शामिल 49 शहरों में पटना, पहली तिमाही में 46वें स्थान पर रहा, जबकि उत्तर प्रदेश का इलाहाबाद नौवें, वाराणसी 14वें, कानपुर 15वें, लखनऊ 16वें, आगरा 23वें, गाजियाबाद 32वें और मेरठ 39वें स्थान पर रहा. वहीं, दूसरी तिमाही में इलाहाबाद ने नौवां स्थान बरकरार रखा, जबकि लखनऊ दसवें स्थान पर आ गया और वाराणसी फिसलकर 19वें, मेरठ 21वें, कानपुर 23वें आगरा 28वें स्थान पर आ गया.
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