आलस और बदलते जलवायु के अनुकूल अपने आप को ढाल नहीं पाने के कारण प्रारंभिक मनुष्यों की विलुप्त प्रजाति होमा इरेक्टस का अस्तित्व खत्म हो गया था. एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. पुरा पाषाण काल के दौरान अरब प्रायद्वीप में प्राचीन मनुष्य आबादी संबंधी जानकारियां जुटाने के लिए की गई पुरातात्विक खुदाई के दौरान पाया गया कि होमो इरेक्टस ने औजार बनाने और संसाधन जुटाने में “बेहद कम प्रयास वाली रणनीतियां” अपनाईं.
इस युग में हुई थी डायनासोर की उत्पत्ति, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (एएनयू) के कैरी शिप्टन ने कहा, ‘‘ऐसा मालूम होता है कि वह ज्यादा मेहनत करने वाले लोग नहीं थे.” शिप्टन ने कहा, “मुझे ऐसा नहीं लगता कि वह बहुत अधिक खोज करने वाले होंगे। उनके पास आश्चर्य करने की वह समझ नहीं थी जो हमारे पास है.”
150 किलो की होती है यह मछली, 'बस्तर की शार्क' नाम से है मशहूर
पत्थरों से बनाए गए उनके औजार और जुटाए गए संसाधनों को देखकर यह साफ मालूम होता है. वह अपने आस-पास पड़े पत्थरों को उठाकर ही औजार बना लेते थे जबकि शुरुआती होमो सेपियन्स और निएंडरथल्स अच्छी गुणवत्ता वाले पत्थर लाने के पहाड़ तक चढ़ जाते थे और लंबी-लंबी दूरी तय कर उन्हें लेकर आते थे.
(इनपुट-भाषा)
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ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (एएनयू) के कैरी शिप्टन ने कहा, ‘‘ऐसा मालूम होता है कि वह ज्यादा मेहनत करने वाले लोग नहीं थे.” शिप्टन ने कहा, “मुझे ऐसा नहीं लगता कि वह बहुत अधिक खोज करने वाले होंगे। उनके पास आश्चर्य करने की वह समझ नहीं थी जो हमारे पास है.”
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(इनपुट-भाषा)
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