शोधकर्ताओं का कहना है कि पिछले दो वर्षों में अमेरिका में ई-सिगेरट के जरिए निकोटीन की चपेट में आने वाले बच्चों की संख्या दोगुनी हो गई है. न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, सर्वेक्षण से संबंधित 2019 के डेटा में आठवीं, 10वीं व 12वीं कक्षा के बच्चे शामिल किए गए. केवल एक साल पहले की तुलना में ही ई-सिगरेट के उपयोग में काफी वृद्धि दर्ज की गई. इसी के साथ पिछले दो वर्षों में इसमें दोगुनी रफ्तार से बढ़ोतरी देखी गई.
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अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय से जुड़े इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता रिचर्ड मीच ने कहा, "स्कूल में जाने वाले बच्चों के माता-पिता को इन उपकरणों पर ध्यान देना शुरू करना चाहिए, जो साधारण फ्लैश ड्राइव की तरह दिखते हैं. यह उन फ्लेवर्स के साथ आते हैं, जो युवाओं को पसंद आ रहे हैं." मीच ने कहा, "किशोरों इन उत्पादों का उपयोग न कर सकें, इसके लिए राष्ट्रीय नेता नीतियों व कार्यक्रमों को लागू करके माता-पिता की सहायता कर सकते हैं."
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अध्ययन के अनुसार, 2019 में 12वीं कक्षा के चार छात्रों में से एक छात्र ने ई-सिगरेट का प्रयोग किया. इसके अलावा 10वीं कक्षा के पांच में से एक और आठवीं कक्षा के 11 में से एक छात्र ने ई-सिगेरट का इस्तेमाल किया.
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अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज से जुड़े नोरा डी. वोल्कोव ने किशोरों में बढ़ते ई-सिगरेट के चलन पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि अब यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का रूप ले चुकी है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं