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This Article is From Jul 04, 2015

...तो ये है भीनी-भीनी खूशबू से महकते गुलाब का राज

...तो ये है भीनी-भीनी खूशबू से महकते गुलाब का राज
वाशिंगटन: खिला-खिला और महकता गुलाब किसे नहीं पसंद होता! खैर जिन्हें एलर्जी हो उनकी बात अलग है। वरना गुलाब की महक इतनी लोकप्रिय है कि साबुन से लेकर, डियोड्रेंट और डिटर्जेंट तक में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

सदियों से गुलाब की पंखुडियों में छुपी भीनी-भीनी खुशबू के राज से परदा उठ गया है। वैज्ञानिकों ने उस एन्जाइम का पता लगा लिया है जो गुलाब के फूलों की भीनी-भीनी खुशबू पैदा करने में अहम भूमिका निभाता है। इस एन्जाइम के बारे में पता लगने से अब गुलाब की विभिन्न किस्मों की गायब हो रही खुशबू फिर से लौटाने में मदद मिल सकती है।

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि इत्र और सौंदर्य प्रसाधनों के लिए आवश्यक तेल मुहैया करने वाले गुलाब को उसकी खूबसूरती और मोहक खुशबू के लिए उगाया जाता है, लेकिन समय के साथ इसकी खुशबू गायब होती जा रही है।

उन्होंने कहा कि गुलाब की पुरानी खुशबू को वापस लाने के लिए उसकी महक के जैव संश्लेषण मार्ग की बेहतर समझ की जरूरत होगी। गुलाब की खुशबू के संबंध में अभी तक किए गए अध्ययन के अनुसार कुछ वैज्ञानिकों का यह दावा है कि टेरपीन सिंथेसिस एन्जाइम एकमात्र ऐसा माध्यम है जो पौधों में सुगंधित मोनोटरपीन्स पैदा करता है।

हालांकि फ्रांस स्थित द यूनिवर्सिटी ऑफ ल्योन सेंट एटीने के जीन लुइस मैगनार्ड और उनके साथियों ने निश्चित वांछनीय विशेषताओं के लिए चयनित गुलाब की दो किस्मों के जीन की जांच करने पर पाया गया कि फूलों की सुगंध का कारण कोई एक दम अलग अप्रत्याशित एन्जाइम का परिवार है।

अनुसंधानकर्ताओं ने गुलाब की तेज खुशबू वाली पापा मीलांद किस्म और कम खूशबू वाली रोग मिलांद किस्म के ट्रांस्क्रिप्टोम्स की तुलना की ताकि उनके आनुवांशिक अंतर का पता लगाया जा सके। उन्होंने पाया कि आरएचएनयूडीएक्स1 एन्जाइम खुशबू पैदा करता है।

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