लंदन:
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वे प्रयोगशाला में नई 3डी प्रिंटिंग तकनीक की मदद से मांस तैयार करने के करीब हैं जिनका इस्तेमाल भविष्य में कृत्रिम अंगों के प्रत्यारोपण में किया जा सकेगा।
जैवविज्ञानी उत्तकों से 2डी संरचना तैयार कर पाने में कामयाब रहे हैं लेकिन अंगों और मांस के बड़े टुकड़े के निर्माण की कोशिश अक्सर विफल रही है।
अब, यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वानिया और मैसेचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी की एक टीम ने पाया कि 3डी प्रिंटिंग तकनीक की सहायता से जीवित कृत्रिम ‘अंग’ तैयार किए जा सकते हैं।
नई तकनीक का ब्यौरा नेचर जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
अध्ययन दल के अगुवा डॉ. जॉर्डन मिलर के हवाले से डेली मेल ने कहा, ‘कभी कभार सबसे सरल हल मूलभूत चीजों की ओर लौटने से आता है।’
जैवविज्ञानी उत्तकों से 2डी संरचना तैयार कर पाने में कामयाब रहे हैं लेकिन अंगों और मांस के बड़े टुकड़े के निर्माण की कोशिश अक्सर विफल रही है।
अब, यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वानिया और मैसेचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी की एक टीम ने पाया कि 3डी प्रिंटिंग तकनीक की सहायता से जीवित कृत्रिम ‘अंग’ तैयार किए जा सकते हैं।
नई तकनीक का ब्यौरा नेचर जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
अध्ययन दल के अगुवा डॉ. जॉर्डन मिलर के हवाले से डेली मेल ने कहा, ‘कभी कभार सबसे सरल हल मूलभूत चीजों की ओर लौटने से आता है।’