18 साल के छात्र नीति कुमार को अब नई जिंदगी मिली है। बीते 5 नवम्बर को बिहार के पटना में एक ट्रैक्टर के नीचे दबकर वह बुरी तरह घायल हो गया। सांस की नली को इतना बुरी तरह नुकसान पहुंचा कि वह खाने की नली से मिल गई। पहले पटना में इलाज चला, लेकिन बाद में गंभीर हालत में उसे दिल्ली के एम्स ट्रामा सेंटर लाया गया। यहां करीब 100 एक्सपर्ट की एक टीम ने सर्जरी को अंजाम दिया। अब उसकी सांस की नली अलग हो चुकी है।
ट्रामा सेंटर के सर्जन डॉ सुबोध कुमार के मुताबिक, इस तरह की चोट काफी खतरनाक होती है। नीति कुमार ट्रैक्टर और सड़क के बीच फंस गया था, जिससे उसकी सांस की नली खाने की नली में मिल गई, लेकिन इसका पता उस वक्त लगा जब खाना खाते वक्त उसे सांस लेने में दिक्कत हुई। पटना में डॉक्टरों ने इसका पता लगाया और फिर नीति को ट्रामा सेंटर भेज दिया।
यहां सबसे बड़ी चुनौती सांस और खाने की नली को अलग करने की थी। लिहाजा एक खास तरह की सर्जरी की तैयारी की गई, जिसमें एम्स और ट्रॉमा सेंटर के कई एक्सपर्ट की मदद ली गई। सबसे बड़ी दिक्कत थी कि बाइपास सर्जरी की तरह उसे बेहोशी की दवा कैसे दी जाए, लेकिन बाद में इसका हल निकाला गया।
एम्स के डायरेक्टर डॉ एमसी मिश्रा ने कहा कि यह एक अनूठा प्रयास रहा, जिसमें ट्रॉमा सेंटर के डाक्टरों ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। हालांकि फिलहाल नीति कुमार की पीठ के पास एक खाने की नली बनाई गई है, लेकिन चार महीने बाद वह बिल्कुल ठीक हो जाएगा। इधर, नीति कुमार ने कहा कि अपने इलाज से वह खुश है और डॉक्टरों ने उसे कुछ दिन के लिए बिहार में अपने गांव जाने की इजाजत भी दे दी है। हालांकि कुछ दिन बाद उसे फिर से ट्रॉमा सेंटर लौटना होगा।
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