राजस्थान के जैसलमेर का कुलधरा एक ऐसा गांव है जहां के बाशिंदे उसे रातों-रात छोड़कर न जानें कहां चले गए और 19वीं शताब्दी की शुरुआत से ही यह वीरान पड़ा हुआ है और इसी वीरानी के चलते यहां भूतों के डेरा डालने की कहानियों बुनी जाने लगीं. लोगों का मानना है कि यह जगह शापित है और अब यहां भूत रहते हैं. कभी यहां समृद्ध पालीवाल ब्रह्मामण समुदाय के लोग रहा करते थे लेकिन जैसलमेर के तत्कालीन शक्तिशाली मंत्री सलीम सिंह द्वारा किए गए अत्याचारों से तंग आकर सभी लोग अपने घर छोड़ गए.
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इस गांव की सीमा पर रहने वाले एक बुजुर्ग सुमा राम ने कहा, 'सलीम सिंह इस गांव की एक लड़की को पसंद करता था. यहां के निवासी अपने सम्मान की रक्षा के लिए यहां से एक रात कहीं चले गए. वह गायब ही हो गए. भगवान ही जानता है कि वह कहां गए.' लोककथा के अनुसार यहां के मूल निवासियों ने इस जगह को श्राप दिया था इसलिए यहां अब भी लोग नहीं रहते हैं. हालांकि उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि यह जगह भूतहा है.
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सुमा राम ने पीटीआई-भाषा को बताया, 'गांव में पुराने घरों के खंडहर हैं और कुछ भी नहीं है. पालीवाल ब्राह्मणों ने अपने सम्मान की रक्षा के लिए यह गांव छोड़ा था और उसके बाद से कभी गांव बस नहीं पाया.' उन्होंने कहा कि लोग आम तौर पर ऐसा मान लेते हैं कि यहां भूत रहते हैं लेकिन ऐसा नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वह यहां काफी समय से रह रहे हैं लेकिन ऐसी कोई चीज नहीं हुई.
बुजुर्ग ने कहा, 'यह सभी मिथ्या है. कई लोग मेरे पास भूतों के बारे में पूछते आते हैं. मुझे नहीं पता कि उन्हें यह सब कहानियां किसने सुनाई है. मैंने कभी ऐसा महसूस नहीं किया.' वहीं इस क्षेत्र में एक कैफिटेरिया परियोजना में केयरटेकर के रूप में काम करने वाले एक अन्य व्यक्ति ने दावा किया कि वह और उनके बेटे दिन-रात यहां रहते हैं लेकिन कभी कोई अजीब चीज नहीं हुई.
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कुलधरा एक पुरातात्विक स्थल है और यहां दिन में खास तौर पर बरसात के समय में काफी पर्यटक आते हैं. हरियाणा के एक पर्यटक रूपिंदर सिंह ने कहा, 'यह एक अच्छी जगह है. हमनें यहां के बारे में कई कहानियां सुनी हैं और यह अपने-अपने विश्वास पर है.'