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This Article is From May 28, 2024

इन दिनों चल रहा है अजीबोगरीब ट्रेंड, लाखों रुपये खर्च कर के यहां चीखने-चिल्लाने आती हैं महिलाएं

इस नए ट्रेंड को नाम दिया गया है रेज रिचुअल. इस रिचुअल में हिस्सा लेने के लिए लोग बड़े-बड़े अमाउंट पे कर रहे हैं. खासतौर से यूएस में ये चलन जोरों पर है.

इन दिनों चल रहा है अजीबोगरीब ट्रेंड, लाखों रुपये खर्च कर के यहां चीखने-चिल्लाने आती हैं महिलाएं
महिलाओं का गुस्सा निकालाने के लिए आया नया ट्रेंड

काम का दबाव, सोशल मीडिया का प्रेशर और अकेलापन इस कदर बढ़ चुका है कि बहुत से लोग बड़ी ही आसानी से स्ट्रेस, एंजाइटी और फ्रस्ट्रेशन के शिकार हो रहे हैं. युवा पीढ़ी की मजबूरी ये है कि नौकरी के सिलसिले में वो अक्सर अपने घरों से दूर हो जाते है. ऐसे में दिनभर का टेंशन बांटने वाला भी कोई नहीं मिलता है, जिस वजह से रोज के टेंशन से जूझना मुश्किल हो जाता है. अब हर रोज के स्ट्रेस से निपटने का इस पीढ़ी में नया चलन शुरू हो गया है. इस नए ट्रेंड को नाम दिया गया है रेज रिचुअल. इस रिचुअल में हिस्सा लेने के लिए लोग बड़े-बड़े अमाउंट पे कर रहे हैं. खासतौर से यूएस में ये चलन जोरों पर है.

क्या है रेज रिचुअल?

ये रिचुअल खासतौर से यूएस की महिलाओं के बीच खासा फेमस हो रहा है, जिसे किसी भी जंगल में अंजाम दिया जा सकता है. इस रिचुअल में शिरकत करने वाले को ऐसे लोगों को याद करने के लिए कहा जाता है, जिसकी वजह से वो स्ट्रेस में हैं या जिससे बहुत नाराज हैं. इसके साथ ही उनके हाथ में स्टिक पकड़ा दी जाती है. पार्टिसिपेंट्स को करीब 20 मिनट तक चिल्लाते हुए वो स्टिक जोर-जोर से हिलानी होती है. एक बार के रिचुअल का समय बीस मिनट रखा, गया है. हालांकि जिसके हाथ जल्दी दुखने लग जाएं, वो बीस मिनट से पहले ही इस प्रोसेस को रोक सकता है.

इस रिचुअल को कंडेक्ट करने वाली Mia Banducci ने यूएसए टुडे से कहा कि, 'कुछ इमोशन्स निकाल पाना आसान नहीं होता, जैसे महिलाएं तेज चिल्लाकर गुस्सा नहीं कर पातीं और अधिकांश पुरुष रो नहीं पाते हैं. इस रिचुअल के तहत उन्हें ऐसा करने की छूट दी जाती है.

ऐसा रहा तजुर्बा

Kimberly Helmus उन महिलाओं में से हैं, जो इस रिचुअल का हिस्सा बन चुकी हैं. अपने पति से तलाक लेने के ढाई साल बाद उन्होंने इस रिचुअल में भाग लिया. उहोंने आउटलेट को बताया कि, दुनिया में सिर्फ यही एक ऐसी जगह है जहां महिलाएं इस तरह अपना गुस्सा उतार सकती हैं, लेकिन उन्हें कोई बुरा भला नहीं कहता. इस बारे कुछ साइकोथेरेपिस्ट ने यूएसए टुडे से कहा कि, 'ये तरीका सबके लिए कारगर हो ये जरूरी नहीं है. कुछ लोगों को डीप ब्रीद करके, स्लो वॉक करके आराम मिलता है और स्ट्रेस रिलीज होता है.'

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