
अमेरिका के यूनिवर्सिटी में सिख छात्र ने दिया दमदार भाषण.
- चंडीगढ़ के रहने वाले छात्र ने अमेरिकी यूनिर्सिटी में किया नाम
- छात्र ने नस्ल, धर्म, भाषा के नाम पर भेदभाव करने की अपील की
- अमेरिका के यूसी बरकेले यूनिर्सिटी ने सबसे बड़े सम्मान से किया सम्मानित
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नई दिल्ली:
अमेरिका और इंग्लैंड भले ही विकसित देश हैं, लेकिन वहां के लोग भी भारतीयों के टैलेंट के कायल हैं. इसकी बानगी एक बार फिर अमेरिका के यूसी बरकेले (UC Berkeley) यूनिवर्सिटी में देखने को मिला. यूनिवर्सिटी के फेयरवेल समारोह में पंजाबी छात्र ने ऐसी दमदार स्पीच दी कि वहां तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा माहौल गूंज उठा. इस स्पीच का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. चंडीगढ़ के इस छात्र को कैलिफोर्निया के यूनिवर्सिटी ने Summa Cum Laude से सम्मानित किया है. यह इस यूनिवर्सिटी का सबसे बड़ा सम्मान है.
कॉमर्स की पढ़ाई पूरा करने वाले इस छात्र का नाम अंगद है. 23 वर्षीय छात्र मंच पर आता है तो पहले तबला बजाता है. इसके बाद माइक थामता है और बेहद जोशीले अंदाज में अपनी बात शुरू करता है. वह कहता है कि अगर दुनिया में कहीं हिजाब की वजह से मुस्लिम महिला को परेशान किया जाता है, सिख को पगड़ी की वजह से मुश्किलें होती हैं, वेनेजुएला में भूखमरी, सीरिया में हमले में कोई पिता अपने पूरे परिवार को गंवा देता है. हमारे सामने ये बड़ी समस्या है. अपने गांव की कहानी बताते हुए अंगद कहता है उसके दो दोस्त नशे के चलते उनसे दूर हो गए, ये समस्या है.
उसने कहा कि हमें ऐसी दुनिया का निर्माण करना है जहां नस्ल, धर्म, भाषा के नाम पर भेदभाव नहीं किया जाता हो. भारतीय छात्र कहता है कि महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर के किसी भी घर में ताला नहीं लगता है, हमें इससे प्रेरणा ले चाहिए. दुनिया में ऐसी ही अच्छाई को लाने के लिए प्रयास करना चाहिए.
अंगद युवाओं खासकर बिजनेस की पढ़ाई करने वालों से अपील करता है कि वे केवल मुनाफे और पूंजी को बढ़ाने के लिए काम न करें. वे अपना ध्यान दुनिया की समस्याओं को दूर करने पर लगाएं. कहा, हमारी जिम्मेदारी है कि हम अच्छा बिजनेस कर दुनिया में बदलावा ला सकें.
कॉमर्स की पढ़ाई पूरा करने वाले इस छात्र का नाम अंगद है. 23 वर्षीय छात्र मंच पर आता है तो पहले तबला बजाता है. इसके बाद माइक थामता है और बेहद जोशीले अंदाज में अपनी बात शुरू करता है. वह कहता है कि अगर दुनिया में कहीं हिजाब की वजह से मुस्लिम महिला को परेशान किया जाता है, सिख को पगड़ी की वजह से मुश्किलें होती हैं, वेनेजुएला में भूखमरी, सीरिया में हमले में कोई पिता अपने पूरे परिवार को गंवा देता है. हमारे सामने ये बड़ी समस्या है. अपने गांव की कहानी बताते हुए अंगद कहता है उसके दो दोस्त नशे के चलते उनसे दूर हो गए, ये समस्या है.
उसने कहा कि हमें ऐसी दुनिया का निर्माण करना है जहां नस्ल, धर्म, भाषा के नाम पर भेदभाव नहीं किया जाता हो. भारतीय छात्र कहता है कि महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर के किसी भी घर में ताला नहीं लगता है, हमें इससे प्रेरणा ले चाहिए. दुनिया में ऐसी ही अच्छाई को लाने के लिए प्रयास करना चाहिए.
अंगद युवाओं खासकर बिजनेस की पढ़ाई करने वालों से अपील करता है कि वे केवल मुनाफे और पूंजी को बढ़ाने के लिए काम न करें. वे अपना ध्यान दुनिया की समस्याओं को दूर करने पर लगाएं. कहा, हमारी जिम्मेदारी है कि हम अच्छा बिजनेस कर दुनिया में बदलावा ला सकें.
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