वर्ल्ड कप 2019 (Cricket World Cup 2019) में एमएस धोनी (MS Dhoni) ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ विकेटकीपरिंग के दौरान दस्तानों पर सेना के चिन्ह (Army Insignia) को लगाया था. जिसके बाद काफी कंन्ट्रोवर्सी हुई, जिसके बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने बीसीसीआई (BCCI) से अपील करते हुए कहा है कि विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) से उनके दस्तानों पर बने सेना के चिन्ह को हटाने को कहें. आईसीसी विश्व कप-2019 (ICC Cricket World Cup 2019) में भारत के पहले मैच में धोनी को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विकेटकीपिंग दस्तानों पर भारतीय पैरा स्पेशल फोर्स का चिन्ह (Indian Para Forces Insignia) का इस्तेमाल करते देखा गया था. आईसीसी ने बीसीसीआई से कहा है कि वह धोनी के दस्तानों पर से यह चिन्ह हटवाए.
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इस कंट्रोवर्सी पर पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी सरकार के संघीय मंत्री फवाद हुसैन (Chaudhry Fawad Hussain) ने बयान दिया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा- 'धोनी इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने गए हैं महाभारत करने के लिए नहीं. भारतीय मीडिया में क्या बेहूदा डिबेट चल रहा है. भारतीय मीडिया का एक धड़ा युद्ध के प्रति इतना ज्यादा आसक्त हैं कि उन्हें सीरिया, अफगानिस्तान या रवांडा मर्सनेरी (किराए के सैनिक) बनाकर भेज देना चाहिए.'
धोनी के दस्तानों पर 'बलिदान ब्रिगेड' का चिन्ह है. सिर्फ पैरामिल्रिटी कमांडो को ही यह चिन्ह धारण करने का अधिकार है. धोनी को 2011 में पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद उपाधी मिली थी. धोनी ने 2015 में पैरा ब्रिगेड की ट्रेनिंग भी ली है.
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इस पर हालांकि सोशल मीडिया पर धोनी की काफी तारीफ हो रही है, लेकिन आईसीसी की सोच और नियम अलग हैं. आईसीसी के नियम के मुताबिक, 'आईसीसी के कपड़ों या अन्य चीजों पर अंतर्राष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीति, धर्म या नस्लभेदी जैसी चीजों का संदेश नहीं होना चाहिए.'
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