पुणे की सावित्री बाई फुले यूनिवर्सिटी.
मुंबई:
अगर आप टॉपर हैं और पढ़ाई में आपने बेहतरीन प्रदर्शन किया है, तो भी पुणे के सावित्री बाई फुले विश्वविद्यालय में आपके लिए गोल्ड मेडल पाना संभव नहीं होगा अगर आप शाकाहारी ना हों और किसी भी तरह का नशा करते हों. पुणे विश्वविद्यालय ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि किसी भी छात्र को गोल्ड मेडल पाने के लिए जरूरी है कि वो कोई भी नशा न करे और शाकाहारी हो. सर्कुलर के अनुसार 10 ऐसी शर्तें तय की गई हैं जो महर्षि कीर्तंकर शेलार मामा गोल्ड मेडल के लिए पात्रता तय करते हैं. इनमें से सातवीं शर्त है छात्र को किसी भी तरह का नशा नहीं करना चाहिए और उसे शाकाहारी होना चाहिए.
विश्वविद्यालय ने अपने इस कदम का बचाव करते हुए कहा है कि यह शर्त मेडल के प्रायोजकों द्वारा रखी गई है. एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि चूंकि सभी पुरस्कार बाहरी लोगों द्वारा स्पॉन्सर किए जाते हैं, तो हम उनके ही नियम व शर्तों का पालन करते हैं.
सर्कुलर पर शिवसेना और एनसीपी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. शिवसेना के युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने विश्वविद्यालय की निंदा की है. ठाकरे ने कहा कि कोई क्या खाए क्या ना खाए ये उसका अपना फैसला होना चाहिए. यूनिवर्सिटी को केवल पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए.
एनसीपी की नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने ट्वीट कर कहा, 'पुणे यूनिवर्सिटी का निराशाजनक और चौंकाने वाला फैसला - अपने राज्य की शिक्षा पर गर्व है, हमारी यूनिवर्सिटीज को क्या हो गया है. कृपया शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करें, भोजन पर नहीं.
विश्वविद्यालय ने अपने इस कदम का बचाव करते हुए कहा है कि यह शर्त मेडल के प्रायोजकों द्वारा रखी गई है. एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि चूंकि सभी पुरस्कार बाहरी लोगों द्वारा स्पॉन्सर किए जाते हैं, तो हम उनके ही नियम व शर्तों का पालन करते हैं.
सर्कुलर पर शिवसेना और एनसीपी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. शिवसेना के युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने विश्वविद्यालय की निंदा की है. ठाकरे ने कहा कि कोई क्या खाए क्या ना खाए ये उसका अपना फैसला होना चाहिए. यूनिवर्सिटी को केवल पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए.
एनसीपी की नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने ट्वीट कर कहा, 'पुणे यूनिवर्सिटी का निराशाजनक और चौंकाने वाला फैसला - अपने राज्य की शिक्षा पर गर्व है, हमारी यूनिवर्सिटीज को क्या हो गया है. कृपया शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करें, भोजन पर नहीं.
जहां एक ओर कई लोग कह रहे हैं कि यह सर्कुलर काफी पुराना है और 10 साल पहले जारी किया गया था, वहीं सर्कुलर का नंबर 225/2017 स्पष्ट रूप से बताता है कि यह इसी वर्ष जारी हुआ है. सर्कुलर पर 31 अक्टूबर 2017 की तारीख है.Shocking disappointing decision by Pune University - so proud of education in our state, What has happened to our universities . Please focus on Education not food.
— Supriya Sule (@supriya_sule) November 10, 2017
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