यह ख़बर 03 मई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

सिंगापुर में भारतीयों को नहीं दिए जा रहे किराये पर मकान

प्रतीकात्मक चित्र

सिंगापुर:

भारतीय और चीनी प्रवासी सिंगापुर में बढ़ते भेदभाव का सामना कर रहे हैं, जहां वेबसाइट पर जारी विज्ञापनों में 'भारतीय नहीं, चीनी नहीं' कहा जा रहा है। मीडिया में आई एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्पष्ट नहीं है कि भारतीय और चीनी प्रवासियों के खिलाफ पूर्वाग्रह से कितने विदेशी कामगार प्रभावित हुए हैं। हालांकि, कई प्रवासियों ने विभिन्न तरह का भेदभाव होने की बात कही है।

एक भारतीय प्रवासी के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि उसके एजेंट ने उससे कहा कि कई मकान मालिक उन्हें किराये पर मकान देने से मना कर रहे हैं, क्योंकि "भारतीय हमेशा ही गंध करने वाली करी पकाते हैं।"

एक एस्टेट एजेंट ने इसी तरह की बात बताते हुए कहा कि मकान मालिक भारतीय और चीनी किरायेदारों को किराये पर मकान देने को कम इच्छुक हैं, क्योंकि उनका मानना है कि ये लोग उनकी परिसंपत्ति को ठीक से नहीं रखेंगे।

रिपोर्ट के मुताबिक 24 अप्रैल को प्रॉपर्टीगुरु वेबसाइट पर हाउसिंग के 160 से अधिक विज्ञापन थे, जिनमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि मकान मालिक भारतीयों या चीनियों को किराये पर मकान देने को इच्छुक नहीं है। गौरतलब है कि सिंगापुर विविधताओं का एक राष्ट्र है, जहां 74 फीसदी चीनी, 13 फीसदी मलय, 9 फीसदी भारतीय और 3 फीसदी अन्य लोग हैं।


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