आमतौर पर बड़ी घटनाओं को लेकर न्यायालय के रात के समय खुलने के वाकये तो पहले भी सामने आए हैं, मगर मध्यप्रदेश के सागर जिले में एक बेटे को मां से मिलने के लिए रात को न्यायालय खुला. मामला सागर के केंद्रीय जेल का है, यहां भोपाल का एक परिवार बंद है. जेल भेजी गई महिला का चार साल का बच्चा बुधवार की रात को अपनी मां से मिलने के लिए काफी रोया, रात तक वह जेल परिसर में ही बैठा रोता रहा.
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जेल में बंद महिला के परिजन रहमान अली ने अधिकारियों को बताया कि चार साल का बच्चा अपनी मां से मिलने के लिए तड़प रहा है. जेल अधिकारियों ने अपनी मजबूरी बताई कि बच्चे की मां से मुलाकात संभव नहीं है. बताया गया है कि इस पूरे घटनाक्रम से जेलर नागेंद्र सिंह चौधरी ने अधीक्षक संतोष सिंह सोलंकी को अवगत कराया.
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सोलंकी ने इस स्थिति से विशेष न्यायाधीश डी.के. नागले को अवगत कराया. नागले ने बच्चे की मां की तरफ से एक आवेदन न्यायालय में देने को कहा. न्यायाधीश रात साढ़े आठ बजे न्यायालय पहुंचे, उन्हें महिला आफरीन की तरफ से आवेदन दिया गया. इस पर न्यायाधीश ने बच्चे को जेल में दाखिल करने की अनुमति दी.
जेल अधीक्षक सोलंकी ने संवाददाताओं से कहा, "मेरे नौकरी काल में यह पहला ऐसा मौका आया है, जिसमें रात में कोर्ट खुलवाने के लिए आवेदन किया गया. न्यायालय ने अपनी सर्वोच्च कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया और मासूम को उसकी मां से मिलाया."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं