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मोस्ट गार्बेज फ्रेंडली सिटी इन इंडिया...पूर्व सैनिक ने गुड़गांव को दी सबसे गंदे शहर की उपाधि - देखें Video

पूर्व सैनिक द्वारा शेयर किए गए वीडियो ने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींचा और एक नई चर्चा छेड़ दी है. इस वीडियो में शहर की एक ऊंची इमारत के पास एक कूड़े का ढेर है, जहां गायें और कुत्ते खुलेआम घूम रहे हैं.

मोस्ट गार्बेज फ्रेंडली सिटी इन इंडिया...पूर्व सैनिक ने गुड़गांव को दी सबसे गंदे शहर की उपाधि - देखें Video
पूर्व सैनिक ने गुड़गांव को दी गार्बेज फ्रेंडली शहर की उपाधि, वीडियो देख मान जाएंगे आप भी

गुड़गांव (Gurgaon) में वेस्ट मैनेजमेंट की खस्ता हालत को दिखाते एक पूर्व सैनिक द्वारा शेयर किए गए वीडियो ने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींचा और एक नई चर्चा छेड़ दी है. इस वीडियो में शहर की एक ऊंची इमारत के पास एक कूड़े का ढेर है, जहां गायें और कुत्ते खुलेआम घूम रहे हैं.

यशपाल सिंह मोर ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए व्यंग्यात्मक लहजे में लिखा, “हरियाणा के मिलेनियम सिटी गुड़गांव में रहने का आनंद. भारत का सबसे पशु और कचरा-अनुकूल शहर. ऐसे दृश्य शहर में कहीं भी देखे जा सकते हैं, ऐसी अद्भुत जगह देखने के लिए आपको बहुत दूर से आने की ज़रूरत नहीं है. हमारी नागरिक एजेंसियों को बहुत-बहुत बधाई, कोई भी अन्य शहर ऐसी पहल का दावा नहीं कर सकता. गुरुग्राम ने शहरी नियोजन और स्थिरता के मामले में एक नया मानक स्थापित किया है.”

पोस्ट पर एक नज़र डालें:

लोगों ने मिलाई हां में हां

एक यूजर ने व्यंग्यात्मक लहजे में लिखा, "सर, इसे को-एक्जीस्टेंस कहते हैं. हमारे शहर इन जानवरों के लिए इतना चारा उपलब्ध कराते हैं कि वे कभी भूखे नहीं रहते. यह हमारी और हमारे नगर योजनाकारों/निगमों की ओर से बहुत ही मानवीय और दयालुतापूर्ण है." एक और व्यक्ति ने भी इसमें शामिल होकर लिखा, "बिल्कुल, सर! गुरुग्राम स्पष्ट रूप से 'खुले पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता' के एक बिल्कुल नए मॉडल का नेतृत्व कर रहा है."

एक तीसरे व्यक्ति ने लिखा, "शहर का हर कोना ऐसा ही है. यह घिनौना और दयनीय है, और मेरे पास यह बताने के लिए शब्द नहीं हैं कि गुड़गांव में वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम कितनी अक्षम है." चौथे यूजर ने लिखा, "कितना अच्छा पारिस्थितिकी तंत्र है."

गुड़गांव कचरा प्रबंधन के लिए निविदा जारी करेगा:

गुड़गांव के विभिन्न मोहल्लों में बढ़ते कचरे को लेकर जनता में भारी आक्रोश है. महीनों के विरोध और समस्याओं के बाद, अधिकारियों ने घर-घर कचरा संग्रहण के लिए 402 रुपये करोड़ का टेंडर जारी करने का फैसला किया है.

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