भोपाल के हमीदिया अस्पताल में एक मरीज के दिल की धड़कन को 90 मिनट रोककर ऑपरेशन किया गया. तस्वीर: प्रतीकात्मक
भोपाल:
अगर एक सेकेंड के लिए भी हमारे दिल की गति रुक जाए तो शायद मौत सुनिश्चित है. वहीं मध्य प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल हमीदिया में एक ऐसा ऑपरेशन किया गया है, जिसके बारे में सोचना असंभव लगता है. इस अस्पताल के डॉक्टरों ने 90 मिनट तक एक मरीज की धड़कन को रोककर एक मरीज का ऑपरेशन किया है. इस सौभाग्यशाली मरीज का नाम सुनीता है. 30 वर्षीय यह महिला इंदौर की रहने वाली हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जीएमसी के डीन डॉक्टर एमसी सोनगरा ने बताया कि सुनीता को तीन साल से सांस फूलने जैसी समस्या हो रही थी. एक दिन सुनीता के लड़खड़ाकर गिरने के बाद जब परिजनों ने उनको एमवाय अस्पताल में दिखाया गया. ईको कार्डियोग्राफी करवाई गई. वहां पर डॉक्टरों ने सलाह दी कि यदि जान बचाना है तो सीधे हमीदिया जाओ. क्योंकि यह ऑपरेशन सिर्फ सरकारी मेडिकल कॉलेज हमीदिया में ही होता है. सुनीता दिल की लेफ्ट एम्बैल मिक्सोमा (एलए मास) जैसी बीमारी से पीड़ित थी.
हमीदिया में सुनीता का ऑपरेशन करने वाले कार्डियक वस्कुलर सर्जन डॉ. प्रवीण शर्मा ने बताया कि जब सुनीता को यहां पर लाया गया. उसकी तबीयत ठीक नहीं थी. रिपोर्ट देखने के बाद ऑपरेशन का फैसला लिया गया.
मरीज के दिल में बाएं वॉल्व के पास मांस बढ़ गया था. इससे वॉल्व का मुंह बंद हो गया और रक्त फिल्टर होने की जगह वापस फेफड़ों में पहुंचने लगा. ऐसे मे मरीज की स्थिति बहुत नाजुक हो गई थी. अगर कुछ दिन और ऑपरेशन नहीं करते तो शायद उसकी जान चली जाती.
डॉ.आरपी कौशल ने बताया कि यदि मरीज की धड़कन तेज चलना महसूस हो, पेट में पानी भर जाए, पैरों में सूजन, पेशाब कम आना, भूख न लगना, सांस लेने में तकलीफ होने पर ईको जरूर कराएं. ताकि समय रहते बीमारी का पता लगाया जा सके.
डॉ. शर्मा ने बताया कि ऑपरेशन में करीब 4 घंटे का समय लगा. 90 मिनट तक दिल की धड़कन को रोका गया. हालांकि इस दौरान मरीज को हार्ट कार्डियो पल्समेकर बायपास मशीन पर रखा गया. सुनीता के सफल ऑपरेशन से सभी डॉक्टर खुश हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जीएमसी के डीन डॉक्टर एमसी सोनगरा ने बताया कि सुनीता को तीन साल से सांस फूलने जैसी समस्या हो रही थी. एक दिन सुनीता के लड़खड़ाकर गिरने के बाद जब परिजनों ने उनको एमवाय अस्पताल में दिखाया गया. ईको कार्डियोग्राफी करवाई गई. वहां पर डॉक्टरों ने सलाह दी कि यदि जान बचाना है तो सीधे हमीदिया जाओ. क्योंकि यह ऑपरेशन सिर्फ सरकारी मेडिकल कॉलेज हमीदिया में ही होता है. सुनीता दिल की लेफ्ट एम्बैल मिक्सोमा (एलए मास) जैसी बीमारी से पीड़ित थी.
हमीदिया में सुनीता का ऑपरेशन करने वाले कार्डियक वस्कुलर सर्जन डॉ. प्रवीण शर्मा ने बताया कि जब सुनीता को यहां पर लाया गया. उसकी तबीयत ठीक नहीं थी. रिपोर्ट देखने के बाद ऑपरेशन का फैसला लिया गया.
मरीज के दिल में बाएं वॉल्व के पास मांस बढ़ गया था. इससे वॉल्व का मुंह बंद हो गया और रक्त फिल्टर होने की जगह वापस फेफड़ों में पहुंचने लगा. ऐसे मे मरीज की स्थिति बहुत नाजुक हो गई थी. अगर कुछ दिन और ऑपरेशन नहीं करते तो शायद उसकी जान चली जाती.
डॉ.आरपी कौशल ने बताया कि यदि मरीज की धड़कन तेज चलना महसूस हो, पेट में पानी भर जाए, पैरों में सूजन, पेशाब कम आना, भूख न लगना, सांस लेने में तकलीफ होने पर ईको जरूर कराएं. ताकि समय रहते बीमारी का पता लगाया जा सके.
डॉ. शर्मा ने बताया कि ऑपरेशन में करीब 4 घंटे का समय लगा. 90 मिनट तक दिल की धड़कन को रोका गया. हालांकि इस दौरान मरीज को हार्ट कार्डियो पल्समेकर बायपास मशीन पर रखा गया. सुनीता के सफल ऑपरेशन से सभी डॉक्टर खुश हैं.
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