मिलिए पाकिस्तान की पहली हिंदू महिला डीएसपी मनीषा रुपेता से, इनकी कहानी सभी के लिए प्रेरणा है

मनीषा के परिजनों को लगता है कि पुलिस की सेवा लड़कियों के लिए नहीं है, मगर मनीषा को पुलिस ही बनना था. ऐसे में मनीषा ने अपनी तैयारी की और सफलता प्राप्त की. सोशल मीडिया पर मनीषा को बधाइयां दी जा रही हैं. 

मिलिए पाकिस्तान की पहली हिंदू महिला डीएसपी मनीषा रुपेता से, इनकी कहानी सभी के लिए प्रेरणा है

पाकिस्तान में मनीषा रुपेता डीएसपी बनी हैं. वह पाकिस्तान की पहली हिन्दू महिला हैं, जिन्हें डीएसपी बनने का सौभाग्य मिला है. इस ख़बर को बीबीसी ने प्रकाशित किया है, साथ ही साथ इसका एक इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है. मनीषा रुपेता ने सिंध लोक सेवा की परीक्षा पास की है, उसके बाद उन्हें ये उपलब्धि मिली है.जानकारी के मुताबिक, मनीषा पाकिस्तान के सिंध प्रांत की रहने वाली हैं. सिंध प्रांत के जाकूबाबाद एक बहुत ही पिछड़ा जिला है. यहां शिक्षा की भारी कमी है, ऐसे में मनीषा ने परीक्षा पास कर इतिहास रच दिया है.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, जाकूबाबाद से ही मनीषा ने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की है. 13 साल की उम्र में ही उनके पिता का निधन हो गया था. तमाम परेशानियों के बावजूद मनीषा ने ये कारनामा किया है.

पिता की मौत के बाद मनीषा की मां कराची आ गई ताकि बच्चों की पढ़ाई हो सके. जाकूबाबाद में बच्चों की पढ़ाई का कोई स्कोप नहीं था. ऐसे में मनीषा की मां ने ये निर्णय लिया. शुरुआत में मनीषा मेडिकल की पढ़ाई करने वाली थीं, मगर उनका दिल पुलिस में लगता था. ऐसे में मनीषा ने अपनी तैयारी शुरु कर दी और सफलता प्राप्त कर ली.

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मनीषा के परिजनों को लगता है कि पुलिस की सेवा लड़कियों के लिए नहीं है, मगर मनीषा को पुलिस ही बनना था. ऐसे में मनीषा ने अपनी तैयारी की और सफलता प्राप्त की. सोशल मीडिया पर मनीषा को बधाइयां दी जा रही हैं.