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This Article is From Oct 07, 2015

93 साल के हैं दाऊद खान, 68 सालों से देशभर में कर रहे रामकथा वाचन

93 साल के हैं दाऊद खान, 68 सालों से देशभर में कर रहे रामकथा वाचन
प्रतीकात्मक तस्वीर
रायपुर: राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता और पूर्व शिक्षक 93 साल के दाऊद खान पिछले करीब 68 वर्षो से छत्तीसगढ़ समेत देश के कई शहरों में रामकथा वाचन का काम कर रहे हैं। दाऊद छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के रहने वाले हैं। उन्हें मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पिछले ही सोमवार को खासतौर से आमंत्रित कर सम्मानित किया। उन्होंने खान को शॉल, श्रीफल और बस्तर के आदिवासी हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित बेलमेटल की कलाकृति 'नंदी' भेंटकर अपनी शुभकामनाएं दी।

पहला प्रवचन दिया 1947 में...
रामायणी दाऊद खान विगत 68 वर्षो से छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न शहरों में रामकथा वाचन का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने अपना पहला प्रवचन वर्ष 1947 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दिया था।

रामकथा वाचन की प्रेरणा उन्हें छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉक्टर पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी और सालिक राम द्विवेदी से मिली। उनके सान्निध्य में रहकर खान ने रामायण, कुरान, गुरुग्रंथ साहिब, बाइबिल और गीता सहित कई धर्मग्रंथों का गहन अध्ययन किया।

1970 में भी हो चुके हैं सम्मानित...
दाऊद खान को तत्कालीन राष्ट्रपति वराह गिरि वेंकट गिरि ने वर्ष 1970 में सम्मानित किया था। उन्हें विभिन्न संस्थाओं द्वारा समय-समय पर पुरस्कृत और सम्मानित किया गया है। वहीं राज्य सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा पिछले महीने महंत घासीदास संग्रहालय परिसर में 'राम : सांस्कृतिक सौहार्द के प्रतीक' विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दाऊद खान गोस्वामी तुलसी दास के लोकप्रिय महाकाव्य 'रामचरित मानस' पर आधारित अपने प्रवचनों के जरिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की प्रेरक जीवनगाथा को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। खान का सम्पूर्ण जीवन सामाजिक समरसता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने खान के स्वस्थ, सुदीर्घ और यशस्वी जीवन की कामना की है।

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