आईएएस अधिकारी सुप्रिया साहू (IAS officer Supriya Sahu) ने तमिलनाडु के दो हाथी दोस्तों की दिल छू लेने वाली कहानी साझा की और वन्यजीव प्रेमी इनकी कहानी सुन खुशी के मारे अपने आंसू नहीं रोक सके. साहू ने अपने पोस्ट में भामा और कामची (Bhama and Kamatchi) के दो वीडियो भी साझा किए, जो पिछले 55 वर्षों से अच्छे दोस्त हैं.
साहू ने अपने पोस्ट में कहा, “हममें से बहुत से लोग नहीं जानते कि इंसानों की तरह, हाथी भी दोस्ती का एक प्यारा रिश्ता साझा करते हैं. यह तमिलनाडु के थेप्पाकाडु, मुदुमलाई में हमारे हाथी शिविर में दो खूबसूरत हाथियों, भामा (75) और कामाची (65) के बीच दोस्ती की सच्ची कहानी है, जो पिछले 55 वर्षों से सबसे अच्छे दोस्त हैं.”
भामा और कामची को "वास्तव में बहादुर, वफादार और स्नेही" बताते हुए साहू ने अपने पोस्ट में हाथियों के बारे में कई किस्से साझा किए. एक बार, भामा के महावत थिरु गोपन पर एक तेंदुए ने हमला कर दिया था जब वह उसे जंगल में चराने के लिए ले गया था. "भामा ने अकेले ही तेंदुए को भगाया और अपने महावत की जान बचाई."
साहू ने कहा, "कामाची पर एक बार एक हाथी ने हमला कर दिया था और उसके घाव को ठीक होने में कई साल लग गए, लेकिन उसने सब कुछ सह लिया." शिविर में भोजन के दौरान भी, भामा और कामाची एक-दूसरे के बगल में खड़े रहते हैं. "उन्हें गन्ना खाना बहुत पसंद है और हां, कोई भी गन्ना केवल एक को देने की हिम्मत नहीं कर सकता, इसे हमेशा दोनों को देना होता है."
साहू ने अपने पोस्ट में हाथियों की अच्छी देखभाल के लिए शिविर अधिकारियों की तारीफ भी की.
Not many of us know that like humans, elephants too share an endearing bond of friendship. This is a true story of friendship between Bhama and kamatchi, two beautiful elephants at our Elephant camp at Theppakadu, Mudumalai in Tamil Nadu who are best friends for the past 55… pic.twitter.com/vY6Z0Htpu4
— Supriya Sahu IAS (@supriyasahuias) April 25, 2024
साहू ने कहा, “शिविर में दो बछड़ों सहित 27 अन्य हाथियों के साथ-साथ इन दोनों की इतनी अच्छी देखभाल करने के लिए शिविर प्रबंधन की भी सराहना की जानी चाहिए, जो एशिया के सबसे पुराने शिविरों में से एक है. वैज्ञानिक प्रबंधन प्रथाओं के अलावा, तमिलनाडु वन विभाग संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ इन सौम्य दिग्गजों की सर्वोत्तम देखभाल करता है.”
भामा और कामची की दोस्ती की "मार्मिक" कहानी पढ़कर सोशल मीडिया यूजर्स खुश हुए. एक कमेंट में लिखा है, "मुझे अपना शेष जीवन उन दिव्य प्राणियों के बीच बिताने में कोई आपत्ति नहीं है."
“भामा और कामाची की 55 साल की दोस्ती हैरान करने वाली है! उनकी बहादुरी और वफादारी हाथियों के बीच उल्लेखनीय बंधन को दर्शाती है. देखभाल करने वालों और टीएन वन विभाग को उनकी दयालु देखभाल के लिए बधाई. एक यूजर ने कहा, इन सौम्य दिग्गजों की खुशी और खुशहाली जारी रहे, ऐसी कामना करता हूं.
बता दें कि सुप्रिया साहू, जिनके एक्स पर 261.6k फॉलोअर्स हैं, अक्सर ऐसी खूबसूरत वन्यजीव कहानियां सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं.
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