Happy Mahavir Jayanti 2019: 17 अप्रैल (17 April 2019) को हर साल महावीर जयंती (Mahavira Jayanti) मनाई जाती है. हिंसा, पशुबलि, जात-पात का भेद-भाव जिस युग में बढ़ गया, उसी युग में भगवान महावीर (Swami Mahavir) का जन्म हुआ. उन्होंने दुनिया को सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया. स्वामी महावीर (Mahavir) ने अहिंसा को सर्वोपरि बताया और जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत दिए. इनमें अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अस्तेय और ब्रह्म्चर्य शामिल हैं. भगवान महावीर (Happy Mahavir Jayanti) सिर्फ जैन धर्म (Jainism) में ही नहीं बल्कि सभी लोगों के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं. इनके अनमोल विचार आज भी प्रासंगिक हैं, जो सत्य और अंहिसा का मार्ग दिखाते हैं. इस वजह से भगवान महावीर (Happy Mahavir Jayanti) की जयंती बेहद खास मानी जाती है. तो इस दिन की बधाई देना ना भूलें. आज के जमाने में लोग तरह-तरह से दोस्त और रिश्तेदारों को विश करते हैं. वाट्सऐप स्टीकर (Mahavir Jayanti 2019 WhatsApp Stickers) के जरिए भी आप विश कर सकते हैं.
Mahavir Jayanti 2019: अनमोल वचन ही नहीं महावीर जंयती पर इन मैसेजेस से दें सबको बधाई
ऐसे डाउनलोड करें Mahavir Jayanti 2019 के WhatsApp Stickers:
अगर आपके पास महावीर जंयती (Mahavir Jayanti) के स्टीकर्स नहीं है तो सबसे पहले आप स्टिकर्स पर जाइए और प्लस (+) पर क्लिक करिए. नीचे की तरफ आने पर आपको मोर (More) ऑप्शन दिखेगा. जिससे गूगल प्ले स्टोर खुल जाएगा. वहां पर आप महावीर जयंती स्टीकर्स लिखें और सर्च करें. आपको ऐप्प दिखेगी. ऐसा ऐप्प डाउनलोड करें, जिसकी रेटिंग अच्छी होगी. ऐप्प में आपको महावीर जयंती की विश के लिए कई स्टीकर्स दिखेंगे. उसे डाउनलोड करने के बाद वाट्सऐप पर स्टीकर ऑप्शन में वापस जाएं और प्लस को क्लिक करने के बाद स्टीकर्स को इंस्टॉल कर लें. जिसके बाद आप दोस्त और रिश्तेदारों को स्टीकर के जरिए अलग तरह से विश कर सकते हैं.
Mahavir Jayanti 2019: भगवान महावीर के 12 अनमोल वचन
बता दें कि जैन धर्म के अनुयायियों के लिए महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) का विशेष महत्व है. यह उनके प्रमुख त्योहारों में से एक है. महावीर जयंती को महावीर स्वामी जन्म कल्याणक के नाम से भी जाना जाता है. महावीर जयंती के दिन जैन मंदिरों में महावीर की मूर्तियों का अभिषेक किया जाता है. इसके बाद मूर्ति को एक रथ पर बिठाकर जुलूस निकाला जाता है. इस यात्रा में जैन धर्म के अनुयायी बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं.
Mahavir Jayanti: कौन थे स्वामी महावीर, जिन्होंने दिया था 'जियो और जीने दो' का सिद्धांत
कौन हैं स्वामी महावीर?
भगवन महावीर (Swami Mahavir) का जन्म ईसा से 599 वर्ष पहले वैशाली गणतंत्र के कुण्डलपुर में इक्ष्वाकु वंश के क्षत्रिय राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के यहां चैत्र शुक्ल तेरस को हुआ था. ग्रंथों के अनुसार उनके जन्म के बाद राज्य में उन्नति होने से उनका नाम वर्धमान (Vardhaman) रखा गया था. माना जाता है कि वे बचपन से ही साहसी, तेजस्वी और अत्यंत बलशाली थे और इस वजह से लोग उन्हें महावीर कहने लगे. उन्होंने अपनी इन्द्रियों को जीत लिया था, इसलिए इन्हें 'जीतेंद्र' भी कहा जाता है. जैन ग्रंथ उत्तरपुराण में वर्धमान, वीर, अतिवीर, महावीर और सन्मति ऐसे पांच नामों का उल्लेख है. इन सब नामों के साथ कोई कथा जुड़ी है. महावीर ने कलिंग के राजा की बेटी यशोदा से शादी भी की लेकिन 30 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ दिया.
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