देश के नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के जीवन में 'र' अक्षर का बहुत महत्व है.
लखनऊ:
'र' वैसे तो आम बोलचाल के शब्दों में बहुतायत से आने वाला अक्षर है लेकिन यह अक्षर देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के जीवन में खास अहमियत रखता है. राष्ट्रपति के जन्म और शिक्षा से लेकर पद, पार्टी और शहर तक 'र' अक्षर हर स्थान पर मौजूद है.
‘र’ से रामनाथ, ‘र’ से राज्यसभा जाने, ‘र’ से राज्यपाल पद संभालने के बाद अब ‘र’ से राष्ट्रपति के रूप में ‘र’ से रायसीना हिल्स स्थित ‘र’ से राष्ट्रपति भवन में रहेंगे. भारत के राष्ट्रपति के रूप में मंगलवार को शपथ ग्रहण करने वाले रामनाथ कोविंद के जीवन में 'र' अक्षर का बहुत महत्व है.
हालांकि यह पहली बार नहीं है, आप इतिहास के पन्नों को पलटकर देखें तो प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद से लेकर रामनाथ कोविंद तक ज्यादातर राष्ट्रपतियों के नाम में ही ‘र’ अक्षर मिल जाएगा. जिनके नाम में ‘र’ नहीं है, उनके जीवन से जुड़े किसी स्थान में ‘र’ जरूर आया है.
नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के जीवन में यह अत्यंत महत्वपूर्ण अक्षर है. उनके नाम से लेकर अब उनके नए घर रायसीना हिल्स स्थित राष्ट्रपति भवन तक में ‘र’ है. रामनाथ कोविंद का जन्म एक अक्टूबर को कानपुर देहात के परौख गांव में हुआ. जगह और स्थान को देखें तो अक्टूबर-कानपुर-परौख इन तीनों में ‘र’ अक्षर है. उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा परौख और खानपुर में हासिल की बाद में उच्च शिक्षा के लिए वह कानपुर आए, इनमें भी ‘र’ मौजूद है. यहां तक कि उनके पुत्र प्रशांत के नाम में भी ‘र’है.
राजनीति में आने के लिए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को चुना. उन्होंने घाटमपुर और भोगनीपुर विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा, यहां भी ‘र’ अक्षर मौजूद है. बाद में वह भाजपा दलित मोर्चा के अध्यक्ष रहे, राज्यसभा भी गए, इसके बाद बिहार के राज्यपाल बने. इन सभी में ‘र’ अक्षर मौजूद है, फिर चाहे वह राज्यसभा हो, बिहार हो या फिर राज्यपाल. और तो और राष्ट्रपति चुनाव में उनकी प्रतिद्वंद्वी का नाम भी ‘र’ युक्त मीरा कुमार था.
VIDEO : नए राष्ट्रपति ने ली शपथ
मंगलवार को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद, भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद कोविंद रायसीना हिल्स पर राष्ट्रपति भवन में रहेंगे. मजे की बात तो यह है कि उनका शपथ ग्रहण समारोह मंगलवार को हुआ है. यहां भी ‘र’ उनके साथ है.
(इनपुट भाषा से)
‘र’ से रामनाथ, ‘र’ से राज्यसभा जाने, ‘र’ से राज्यपाल पद संभालने के बाद अब ‘र’ से राष्ट्रपति के रूप में ‘र’ से रायसीना हिल्स स्थित ‘र’ से राष्ट्रपति भवन में रहेंगे. भारत के राष्ट्रपति के रूप में मंगलवार को शपथ ग्रहण करने वाले रामनाथ कोविंद के जीवन में 'र' अक्षर का बहुत महत्व है.
हालांकि यह पहली बार नहीं है, आप इतिहास के पन्नों को पलटकर देखें तो प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद से लेकर रामनाथ कोविंद तक ज्यादातर राष्ट्रपतियों के नाम में ही ‘र’ अक्षर मिल जाएगा. जिनके नाम में ‘र’ नहीं है, उनके जीवन से जुड़े किसी स्थान में ‘र’ जरूर आया है.
नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के जीवन में यह अत्यंत महत्वपूर्ण अक्षर है. उनके नाम से लेकर अब उनके नए घर रायसीना हिल्स स्थित राष्ट्रपति भवन तक में ‘र’ है. रामनाथ कोविंद का जन्म एक अक्टूबर को कानपुर देहात के परौख गांव में हुआ. जगह और स्थान को देखें तो अक्टूबर-कानपुर-परौख इन तीनों में ‘र’ अक्षर है. उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा परौख और खानपुर में हासिल की बाद में उच्च शिक्षा के लिए वह कानपुर आए, इनमें भी ‘र’ मौजूद है. यहां तक कि उनके पुत्र प्रशांत के नाम में भी ‘र’है.
राजनीति में आने के लिए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को चुना. उन्होंने घाटमपुर और भोगनीपुर विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा, यहां भी ‘र’ अक्षर मौजूद है. बाद में वह भाजपा दलित मोर्चा के अध्यक्ष रहे, राज्यसभा भी गए, इसके बाद बिहार के राज्यपाल बने. इन सभी में ‘र’ अक्षर मौजूद है, फिर चाहे वह राज्यसभा हो, बिहार हो या फिर राज्यपाल. और तो और राष्ट्रपति चुनाव में उनकी प्रतिद्वंद्वी का नाम भी ‘र’ युक्त मीरा कुमार था.
VIDEO : नए राष्ट्रपति ने ली शपथ
मंगलवार को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद, भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद कोविंद रायसीना हिल्स पर राष्ट्रपति भवन में रहेंगे. मजे की बात तो यह है कि उनका शपथ ग्रहण समारोह मंगलवार को हुआ है. यहां भी ‘र’ उनके साथ है.
(इनपुट भाषा से)
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